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    इसरो की चेतावनी, स्नोलाइन बचाए हिमाचल

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    Updated: Sat, 24 Sep 2016 04:35 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में स्नो लाइन तेजी से सिकुड़ रही है। इसरो ने इसको लेकर ह‍िमाचल को चेतावनी जारी की है।

    शिमला [जेएनएन] : हिमाचल प्रदेश में स्नो लाइन तेजी से सिकुड़ रही है। इसरो ने इसको लेकर हिमाचल को चेतावनी जारी की है। इसरो के अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि हिमाचल में स्नो लाइन सिकुड़ रही है। स्नो लाइन सिकुड़ने से गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में सेब का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। पहले सेब निचले क्षेत्रों में पैदा होता था, लेकिन उच्च क्वालिटी का सेब अब ऊंचे क्षेत्रों तक सीमित हो गया है। वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान इसरो अध्यक्ष ने हिमाचल सरकार को आश्र्वस्त किया कि इसरो हरसंभव सहायता देने को तैयार है।

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    शिमला सचिवालय में राज्य विज्ञान प्रौद्यागिकी एवं पर्यावरण परिषद के तहत हिमाचल प्रदेश सुदूर संवेदन केंद्र द्वारा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के सहयोग से सयुक्त एक दिवसीय कार्यशाला में वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान इसरो के अध्यक्ष एएस किरण कुमार से एक सवाल राज्य सांख्किीय एवं आर्थिक विभाग के आर्थिक सलाहकार प्रदीप चौहान ने कि कृषि एवं बागवानी क्षेत्र में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद लगातार घटता जा रहा है। इसके पीछे क्या कारण है और क्या किया जा सकता है। इसके जवाब मे इसरो अध्यक्ष किरण कुमार ने कहा कि स्नो लाइन के साथ-साथ हिमाचल मे भूमिगत जलस्तर की स्थिति को भी जांचने की जरूरत है।

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    प्रदेश के विभिन्न भागों में पानी की उपलब्धता को देखते हुए सेब व दूसरे फलदार पौधे विकसित किए जाएं। हिमाचल देश का सेब राज्य होने के नाते राज्य में सेब उत्पादन के अनुश्रवण के लिए क्षेत्र का सही पता लगाना अनिवार्य है। प्रदेश हिमालय का हिस्सा होने के नाते यहा दुर्गम क्षेत्र व कठिन सड़क जुड़ाव है, जिसे आपदा प्रबंधन व इससे निपटने के लिए नक्शे पर दर्शाया जा सकता है। उन्होंने आश्र्वस्त किया कि इसरो हिमाचल प्रदेश को प्रत्येक क्षेत्र मे तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाएगा।

    एनआरएससी हैदराबाद के समूह निदेशक डॉ. विनोद बोथले ने क्षेत्रीय योजना व शासन के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के प्रयोग पर परिचर्चा की। एचपीएससीएसटीई के प्रधान वैज्ञानिक अधिकारी समेत प्रदेश के लगभग 40 विभाग, राज्य के अन्य संबधित अधिकारी, वैज्ञानिक, इसरो से राष्ट्रीय स्तरीय विशेषज्ञ, भारतीय रिमोट सेसिग सस्थान व राष्ट्रीय रिमोट सेसिग केंद्र के अधिकारी, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी व अन्य संबंधित हितधारको ने भी सम्मेलन मे भाग लिया।

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