एचपीयू के हॉस्टलों में पुलिस की दबिश
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला के हॉस्टलों में बुधवार रात पुलिस
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला के हॉस्टलों में बुधवार रात पुलिस ने दबिश दी। पुलिस अधीक्षक डीडब्ल्यू नेगी की मौजूदगी में सभी हॉस्टलों में चेकिंग की गई। पहली बार किसी पुलिस अधीक्षक ने ब्वॉयज हॉस्टल के सभी कमरों में जाकर बातचीत की। पुलिस अधीक्षक एक-एक छात्र के कमरे में गए और उनसे रूबरू हुए।
कई छात्रों ने बताया कि रात को छात्र शराब पीकर हुड़दंग मचाते हैं। अगर कोई विरोध करे तो छात्र लड़ने पर उतारू हो जाते हैं। यहां तक कि वार्डन भी कभी कभार ही कमरों में चेकिंग के लिए आते हैं। कमरों की मरम्मत भी नहीं होती है। बिजली की नंगी तारों से करंट लगने का डर हमेशा सताता है। प्रशासन को इस संबंध में कई बार लिखित शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई सामाधान नहीं होता है। शौचालयों की हालत काफी खराब है। हॉस्टलों में सफाई व्यवस्था नहीं है। खाने की गुणवत्ता भी बेहतर नहीं है। मजबूरी में इस तरह का खाना उन्हें खाना पड़ रहा है। जब छात्र पुलिस अधीक्षक के सामने अपनी समस्या सुना रहे थे तो चीफ वार्डन मौन थे। बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाने का दावा करने वाले प्रशासन की पोल खुलती जा रही थी। रात करीब दस बजे तक ब्वॉयज हॉस्टल के सभी कमरों में चेकिंग की गई।
चीफ वार्डन रहे मौजूद
पुलिस की दबिश के दौरान चीफ वार्डन प्रो. हरिमोहन व संबंधित हॉस्टलों के वार्डन भी मौजूद रहे। जब पुलिस ने दबिश दी तो कुछ वार्डन हॉस्टल नहीं पहुंच पाए थे।
कमरों में लगे पोस्टर व बैनर
पुलिस ने जब हॉस्टलों में दबिश दी तो कमरों में छात्रों ने दीवारों पर पोस्टर व बैनर लगा रखे थे। कहीं अखबार की कटिंग थी तो कहीं छात्र संगठनों के बैज लगे थे। कई कमरे ऐसे थे जहां छात्र संगठनों के कार्यकर्ता रहते थे। जब पुलिस अधीक्षक ने इस संबंध में छात्रों से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि कमरे में दीवारों के अलावा कोई जगह नहीं है जहां वे इन्हें लगाते।
टैगोर हॉस्टल में हुआ हंगामा
टैगोर हॉस्टल में पुलिस की दबिश के दौरान एबीवीपी व एसएफआइ के कार्यकर्ताओं में हंगामा हुआ। वहां एसएफआइ व एबीवीपी के कार्यकर्ताओं में कहासुनी हो गई। एसएफआइ का नेता अपने जूनियर को पढ़ाने के लिए हॉस्टल में आया था। एबीवीपी के नेता ने उससे कहा कि आप अपने हॉस्टल में जाएं। यहां आप नहीं आ सकते हैं। इस बात पर दोनों नेताओं में कहासुनी हो गई। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर दी। इसके बाद एसएफआइ नेता को वापस उसके हॉस्टल में भेजकर दोनों छात्र संगठनों के नेताओं को शांत करवाया गया।
कमरों में नहीं मिले तेजधार हथियार
यह अनौपचारिक दबिश थी। इस दौरान छात्रों से मुलाकात की गई। चीफ वार्डन, वार्डन और मैं ही हर कमरे में छात्रों से मिले और उनकी समस्याएं सुनीं। दबिश के दौरान कोई बाहरी छात्र हॉस्टल में नहीं मिला। कमरों में से तेजधार हथियार भी नहीं मिले हैं।
डीडब्ल्यू नेगी, पुलिस अधीक्षक
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