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    जीवन शैली सुधारें, वर्ना दर्द देंगी हड्डियां

    By Edited By:
    Updated: Fri, 21 Oct 2016 12:59 AM (IST)

    विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस पर विशेष फोटो सहित -खराब जीवनशली कमजोर कर सकती है हड्डियां -सिगरेट,

    विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस पर विशेष

    फोटो सहित

    -खराब जीवनशली कमजोर कर सकती है हड्डियां

    -सिगरेट, शराब और कैल्शियम रहित भोजन है मुख्य कारण

    -किसी भी उम्र का व्यक्ति आ सकता है इस बीमारी की चपेट में

    तरसेम सैनी, टांडा (कांगड़ा)

    अगर आपके भोजन में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी है। आप सिगरेट और शराब का ज्यादा सेवन करते हैं या आपकी जीवन शैली शिथिल है तो आप ऑस्टियोपोरोसिस यानी हड्डियों के कमजोर होने की बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। वैसे तो ऑस्टियोपोरोसिस को बुजुर्गो की बीमारी समझा जाता है, परंतु अन्य कारण भी इस बीमारी के लिए जिम्मेदार हैं। इनमें माता-पिता से बीमारी का होना, छोटी कद काठी का शरीर, शरीर में बहुत कम या बहुत ज्यादा हार्मोन्स की मात्रा, कैल्शियम रहित भोजन, महिलाओं में रजोवृत्ति के बाद का समय, सिगरेट, शराब और व्यायाम रहित शिथिल जीवनशैली इत्यादि के कारण किसी भी व्यक्ति के इस बीमारी की चपेट में आने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है। इसकी वजह से किसी भी उम्र का व्यक्ति इस बीमारी से प्रभावित हो सकता है।

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    डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा के ऑर्थो विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विपिन शर्मा बताते हैं कि ऑस्टियोपोरोसिस दो शब्दों के संयोग से बना है। ऑस्टियो यानी अस्थियां और पोरोसिस यानी कमजोर हो जाना। उनके मुताबिक देखने में कठोर और निर्जीव लगने वाली हमारी अस्थियां वस्तुत: उतनी ही जीवंत हैं, जितने हम और आप। यह भी समय के साथ दृढ़ या कमजोर होती हैं, टूटती व जुड़ती हैं, मजबूत होती हैं और कभी क्षीण हो जाती हैं। ऑस्यिोपोरोसिस के बारे में जागरूकता जरूरी है। उपचार से पहले बचाव के सिद्धांत पर चलते हुए ऑस्यिोपोरोसिस के कारणों, लक्षणों, बचाव व उपचार पर ध्यान देना आवश्यक है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए विश्व ऑस्यिोपोरोसिस दिवस मनाया जाता है।

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    लक्षण : हड्यिों में दर्द, पीठ दर्द, हल्की सी चोट लगने पर भी फ्रेक्चर हो जाना।

    रोकथाम : बचपन से ही उचित आहार लेने व व्यायाम करने से हड्डियों में मजबूती आती है। ऐसे बच्चों में बडे़ होकर ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना काफी कम हो जाती है।

    विटामिन डी : धूप से इसका उत्पादन शरीर में होता है। निरामिष पदार्थो जैसे मछली में भी यह पाया जाता है। दूध का सेवन भी जरूरी है।

    कैल्शियम : कैल्शियमयुक्त भोजन, जिसमें दूध, दही, पनीर इत्यादि। इसके अलावा सोयाबीन, दालें, सब्जियां कैल्शियम का स्रोत हैं।

    गिरने से बचाव : गिरने या हड्डियों में फ्रेक्चर होने वाले कामों से परहेज करें।

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    हमारी हड्डियां प्रोटीन, कालेजन, कैल्शियम व फास्फोरस से बनी होती हैं। उम्र के ढलने के साथ या अन्य कारणों से इनकी घनता कम हो जाती है। ये अंदर से स्पंज सरीखी व भुरभुरी होती हैं। थोड़ी सी चोट से ही क्षतिग्रस्त होने लगती हैं और इन सब परिस्थितियों से न केवल हमारे शरीर बल्कि हमारी दिनचर्या पर भी प्रभाव पड़ता है। शिथिल जीवन शैली, शराब व सिगरेट का सेवन और आहार में पोषक तत्वों की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी की संभावना रहती है। ऐसी परिस्थितियों में व्यक्ति को तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

    -डॉ. विपिन शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, ऑर्थो विभाग टांडा मेडिकल कॉलेज।