रूसा से बड़ी राहत
जागरण संवाददाता, शिमला : भले ही हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला प्रशासन ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक
जागरण संवाददाता, शिमला : भले ही हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला प्रशासन ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के प्रथम सेमेस्टर के खराब परीक्षा परिणाम पर गलती न मानी हो लेकिन बुधवार को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सामने कुलपति एडीएन वाजपेयी ने परिणाम में संशोधन की बात रख दी। बैठक में फैसला हुआ कि अब थ्योरी व इंटरनल असेसमेंट दोनों में 45 फीसद अंक होने वाले विद्यार्थी उत्तीर्ण माने जाएंगे। पहले दोनों में 45-45 अंक अनिवार्य थे। नए फैसले से करीब 80 फीसद विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम सही हो जाएगा।
प्रदेश विश्वविद्यालय अब स्नातक प्रथम सत्र का परीक्षा परिणाम दोबारा तैयार करेगा। करीब 32 हजार विद्यार्थी जो रूसा प्रथम सत्र के परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं थे, उनकी समस्या को हल करने का रास्ता सरकार की पहल से निकाल लिया गया। विद्यार्थियों को अब पुराने पैटर्न के तहत ही उत्तीर्णाक दिए जाएंगे। सचिवालय में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, प्रदेश विवि के कुलपति एडीएन वाजपेयी, प्रधान सचिव (शिक्षा) के बीच रूसा मामले पर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। कुलपति की ओर से यह प्रस्ताव पेश किया गया कि इटरनल असेसमेंट और थ्योरी दोनों को मिलाकर विद्यार्थियों को पास मार्क्स दिए जाएं। कुलपति के इस प्रस्ताव पर प्रधान सचिव (शिक्षा) ने भी हामी भरी। बैठक में मुख्यमंत्री ने परिणाम में संशोधन का आदेश दिया।
यह निर्णय केवल नवंबर 2015 में आयोजित प्रथम सत्र के विद्यार्थियों के लिए लागू होगा। भविष्य में विद्यार्थियों को सत्रात परीक्षा व आंतरिक मूल्याकन दोनों में अलग-अलग 35 प्रतिशत तथा संयुक्त रूप से 45 प्रतिशत अंक लेने पर ही उत्तीर्ण घोषित किया जाएगा। इस संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा यथाशीघ्र अधिसूचना जारी कर उसका व्यापक प्रचार किया जाएगा। उसके बाद संशोधित परीक्षा परिणाम 17 सितंबर को घोषित किया जाएगा।
प्रदेश विवि प्रशासन के अनुसार अधिकतर विद्यार्थी कॉलेज स्तर पर दी गई असेसमेंट में भी फेल किए गए है। ऐसे में थ्योरी में पास होने पर भी छात्र पास नहीं हो पाए। यही कारण रहा कि पहली बार पास मार्क्स में किए गए बदलाव के कारण करीब 93 फीसदी विद्यार्थी फेल हो गए।
45 फीसद से कम अंक पर रीअपीयर
प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार स्नातक प्रथम सत्र का परीक्षा परिणाम दोबारा तैयार किया जाएगा। इसमें इटरनल असेसमेंट और थ्योरी दोनों के अंक मिलाकर विद्यार्थियों को अंक दिए जाएंगे। पास होने के लिए कुल 45 फीसद अंक होने चाहिए। इससे कम अंक वालों को रीअपीयर के पेपर देने ही होंगे।
बेहतर होगा परीक्षा परिणाम
सरकार के इस फैसले से हजारों विद्यार्थियों को राहत मिली है। अब विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम बेहतर होगा। यह व्यवस्था भविष्य में भी ऐसी ही होनी चाहिए।
प्रो. जोगेंद्र सकलानी, पूर्व संयुक्त सचिव अकादमिक, एचजीसीटीए
हजारों विद्यार्थियों को राहत
विद्यार्थियों के व्यापक हित को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। थ्योरी और इंटरनल असेसमेंट को जोड़कर 45 फीसद अंक होने वाले विद्यार्थी उत्तीर्ण किए जाएंगे। इससे हजारों विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।
प्रो. एडीएन वाजपेयी, कुलपति, प्रदेश विवि शिमला
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