शिक्षक एक, ख्वाब अनेक
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में भले ही छात्र आंदोलन की जीत का जश्न मन
जागरण संवाददाता, शिमला : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में भले ही छात्र आंदोलन की जीत का जश्न मनाया जा रहा है लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी कई विभागों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। कई ऐसे विभाग हैं, जिनमें एक ही शिक्षक कक्षाएं ले रहे हैं। जिस दिन शिक्षक अवकाश पर हो, उस दिन विद्यार्थी भी छुट्टी पर होते हैं।
इन विभागों में सोशोलॉजी, संस्कृत, ¨हदी, ट्रांसलेशन आदि विभाग शामिल हैं। सोशल वर्क में तो एक भी शिक्षक नहीं है। बीटीए के विद्यार्थियों को एमटीए के शिक्षक ही पढ़ा रहे हैं। हालांकि प्रशासन का तर्क है कि गेस्ट फेकल्टी के आधार पर कक्षाएं लगाई जा रही हैं, मगर शोधार्थियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक-एक गाइड के पास नियमों के मुताबिक विद्यार्थी पीएचडी करने के लिए मजबूर हैं। ऐसे में दूसरे विभागों के शिक्षकों को विभागाध्यक्ष का जिम्मा दिया गया है। अब एमफिल पीएचडी करने के लिए विद्यार्थी अन्य विश्वविद्यालयों की और रुख कर रहे हैं। भारी फीस देने के बाद भी बेहतर शिक्षा नहीं मिल पा रही है। एसएफआइ इकाई अध्यक्ष नोवल ठाकुर और एबीवीपी इकाई अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश विवि में रिक्त पदों को भरने के लिए प्रशासन के पास सिर्फ एक ही जवाब है कि रिक्त पद शीघ्र पद भरे दिए जाएंगे, जबकि हकीकत में साक्षात्कार के लिफाफे भी नहीं खोले जा रहे हैं।
एचपीयू में अध्यापकों के 220 पद खाली
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में शिक्षकों के 220 पद रिक्त हैं। फिर भी विवि प्रशासन को पूरी उम्मीद है कि इस बार नैक की टीम उनके ग्रेड में बढ़ोतरी करेगी। पूर्व में जब विवि में नैक की टीम पहुंची थी तो उस समय 150 के करीब शिक्षकों के पद रिक्त थे, तब भी विवि का ग्रेड बी प्लस से फिसलकर बी पर पहुंचा था। तो इस बार ग्रेड बढ़ने की उम्मीद कम ही है।
राजनीति की भेंट शिक्षक भर्ती
प्रदेश विवि में शिक्षक भर्ती वर्ष 2011 से राजनीति का शिकार होती आ रही है। कभी एक सरकार तो कभी दूसरी सरकार भर्ती के माध्यम से अपने कॉडर को विवि में पहुंचाने की पूरी कोशिश में लगी रहती है। इसी वजह से 60 के करीब शिक्षक भर्ती साक्षात्कार के लिफाफे अभी बंद हैं। यूजीसी के नियमों के पूरा होने के बाद भी लिफाफे खोलने की हिम्मत विवि प्रशासन नहीं कर रहा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।