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    जीएसटी लागू होने से 500 करोड़ फायदे में रहेगा हिमाचल

    By Edited By:
    Updated: Wed, 03 Aug 2016 08:17 PM (IST)

    राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश उपभोक्ता राज्य है और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक लागू होने

    राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश उपभोक्ता राज्य है और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक लागू होने के बाद प्रदेश के लोगों को सभी वस्तुएं सस्ती मिलेंगी। जीएसटी प्रदेश के लिए किसी भी प्रकार से घाटे का सौदा नहीं है। सालाना सरकार को 500 करोड़ रुपये के राजस्व का फायदा होगा। इसके अलावा शराब की बिक्री से जुडे़ उत्पादों पर टैक्स लगाने का अधिकार भी प्रदेश के पास रहेगा।

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    सरकार का मानना है कि जीएसटी लागू होने से वैट व अन्य करों में चोरी खत्म होगी। कारोबारियों व आम लोगों को इससे राहत मिलेगी। शराब को जीएसटी के दायरे से बाहर रखे जाने की स्थिति में प्रदेश को राजस्व के मामले में बहुत अधिक लाभ होने वाला है। प्रदेश सरकार पहले ही दिन से जीएसटी के पक्ष में रही है।

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    पांच साल तक भरपाई करेगा केंद्र

    केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि जिन राज्यों को जीएसटी से नुकसान होगा, उन्हें केंद्र सरकार मदद करेगी। विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों के लिए भी पांच साल तक नुकसान की भरपाई का फॉर्मूला निकाला है।

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    एक हजार करोड़ हाथ में रहेंगे

    शराब की बिक्री से हर साल प्रदेश सरकार का राजस्व लगातार बढ़ रहा है। अभी शराब की बिक्री से 1000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होता है। शराब की बिक्री साल दर साल बढ़ती जा रही है। केंद्र सरकार शराब पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी को भी जीएसटी के दायरे में शामिल करेगी मगर केंद्र ने फिलहाल इसे राज्यों के ही अधिकार क्षेत्र में रखा है। तंबाकू उत्पादों को जीएसटी में शामिल करने का केंद्र के फैसले से बेशक प्रदेश को कुछ नुकसान होगा मगर इसकी भरपाई पांच साल तक केंद्र करेगा। ऐसे में जीएसटी प्रदेश के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है।

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    'हम उपभोक्ता राज्य हैं, ऐसे में जीएसटी से टैक्स की चोरी रुकेगी। अभी कई वस्तुओं पर दोहरा कर लगता है और इस कारण ये महंगी होती है मगर जीएसटी लागू होने से एकल कर प्रणाली लागू होगी। लिहाजा चीजें सस्ती होंगी। कारोबारियों को कई बार टैक्स देने के झमेले से छुटकारा मिलेगा। परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को सस्ती चीजें मिल सकेंगी। एक्साइज ड्यूटी, वैट व सर्विस टैक्स जैसे तमाम करों का जीएसटी में विलय होगा।'

    - डॉ. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त।