हॉबी क्लासेज में पर्यावरण संरक्षण पर बल
जागरण संवाद केंद्र, शिमला : राजधानी के गेयटी थियेटर में चल रही 'हॉबी क्लासिस' में बच्चों को पर्यावरण की अहमियत से रू-ब-रू करवाने का प्रयास जारी है। भाषा, कला व संस्कृति विभाग द्वारा चलाई जा रही हॉबी क्लासेस में बच्चों को पर्यावरण सुरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं। इसमें बच्चों द्वारा, बेकार हो गई सामग्री से आकर्षक कलाकृतियां बनाई जा रही हैं। इसमें बेकार प्लास्टिक की बोतलें, खराब सीडी, मक्की के छिलके, बेकार कपड़ा, कागज इत्यादि को इस्तेमाल कर उनसे कलाकृतियां बनाई जा रही हैं। बेकार पड़ी प्लास्टिक की बोतलों से खूबसूरत फूलदान बनाना, बेकार पड़ी सीडी से आकर्षक कोलाज बनाना, मक्की के छिलकों से रंगीन फूल बनाना, बेकार कपड़े से आकर्षक डिजाइन बनाना, ये सभी कार्य नन्हें बच्चों द्वारा उनकी रचनात्मकता को प्रस्तुत करते हैं।
बेकार चीजों को इस्तेमाल कर उनका उपयोग करना पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ा प्रयास साबित हो सकता है। 'हॉबी क्लासिस' में इसी बात पर बल देकर बच्चों की रचनात्मकता को एक मंच प्रदान किया जा रहा है। इन कक्षाओं की प्रशिक्षिका राखी सिंह और आशा नेगी ने बताया कि 30 जनवरी तक चलने वाली इन क्लासेस में पर्यावरण सुरक्षा पर जोर दिया जा रहा है। बच्चों में पर्यावरण सुरक्षा की भावना जगाना और उनकी रचनात्मकता को एक मंच प्रदान करना ही इन कक्षाओं के आयोजन का उद्देश्य है। ये पूरा कार्य पर्यावरण सुरक्षा पर केंद्रित है जिसमें बेकार चीजों को सही इस्तेमाल कर पर्यावरण को उनसे होने वाले नुकसान से बचाने का प्रयास जारी है।
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गेयटी में चल रही हॉबी क्लासिस में बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान किया जा रहा है। इसमें बच्चों को नाटक और थियेटर के भी गुर सिखाए जा रहे हैं। छोटे-छोटे गु्रप्स बनाकर बच्चों को नाटक मंचन और ऐक्टिंग की भी बारीकियां सिखाई जा रही हैं जिसका निर्देशन केदार ठाकुर और केबीएस रावत द्वारा किया जा रहा है। 31 जनवरी को गेयटी में बच्चों द्वारा एक नाटक का मंचन भी किया जाएगा जिसमें इन कक्षाओं का पूरा निचोड़ देखने को मिलेगा।
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