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    लोगों का कहा माना होता तो न जाती जान

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    Updated: Sat, 14 Jan 2017 01:00 AM (IST)

    हंसराज सैनी, मंडी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) के छात्र अक्षय कुमार व नवनीत राणा ने अगर

    लोगों का कहा माना होता तो न जाती जान

    हंसराज सैनी, मंडी

    राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) के छात्र अक्षय कुमार व नवनीत राणा ने अगर स्थानीय लोगों का कहा माना होता तो उन्हें जान से हाथ न धोना पड़ता। जंजैहली बाजार से लेकर भुलाह तक रास्ते में मिलने वाला हर शख्स दोनों छात्रों को शिकारी देवी जाने से मना करता रहा, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी। शिकारी माता मंदिर में सर्दियों में आठ से दस फुट तक बर्फ पड़ती है। दिसंबर के पहले सप्ताह के बाद कोई भी व्यक्ति मंदिर नहीं जाता है। बारिश व बर्फबारी से करीब 18 किलोमीटर लंबा सड़क मार्ग फिसलन भरा हो जाता है। मंदिर के पुजारी भी अपना बोरिया-बिस्तर समेट कर जंजैहली लौट आते हैं। मार्च में बर्फ पूरी तरह से पिघलने के बाद पुजारी दोबारा मंदिर लौटते हैं। इसी के बाद लोगों के आने का सिलसिला भी शुरू होता है।

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    शिकारी माता का मंदिर खुले आसमान के नीचे है। मंदिर के ऊपर कोई छत नहीं है। यह भी माता की शक्ति का चमत्कार है कि खुले आसमान के नीचे माता की मूर्तियों पर बारिश की एक बूंद व बर्फ का फाहा तक नहीं गिरता है। जबकि मंदिर के आसपास कई बार 10 से 12 फुट तक बर्फबारी होती है। यहां श्रद्धालुओं के लिए सराय भी बनाई गई है। अक्षय व नवनीत अपने साथ खाने-पीने का सामान भी लेकर गए थे। हर साल शिकारी माता मंदिर में लोगों के फंसने के मामले सामने आते हैं। इससे भी जंजैहली उपमंडल प्रशासन ने कोई सबक नहीं सीखा है। मंदिर के रास्ते लोगों को जाने से रोकने की कोई व्यवस्था नहीं है और न ही कोई चेतावनी बोर्ड। अक्षय के पिता देसराज व नवनीत के पिता सुरेंद्र कुमार को अपने लाडलों के सुरक्षित मिलने की उम्मीद थी। लेकिन यह उम्मीद शव मिलने के बाद टूट गई। दोनों छात्रों की माताएं भी यहां पहुंची थीं।

    डीएसपी मुख्यालय हितेश लखनपाल का कहना है कि स्थानीय लोगों ने दोनों छात्रों को शिकारी देवी जाने से रोका था, लेकिन उन्होंने किसी की बात नहीं मानी।

    जान जोखिम में डाल 50 लोगों ने दिया सर्च अभियान को अंजाम

    सर्च अभियान को करीब 50 लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर अंजाम दिया। पांच से छह फुट तक की बर्फ व खतरनाक पगडंडियों से होकर राहत एवं बचाव दल के सदस्य रायगढ़ व शिकारी देवी मंदिर तक पहुंचे। दोनों शवों को बर्फ से निकालने के बाद जंजैहली उपमंडल मुख्यालय तक पहुंचे। एक किलोमीटर सफर तय करने में बचाव दल को एक-एक घंटे तक का समय लगा। बचाव एवं राहत दल से पुलिस के उच्च अधिकारियों ने लगातार वायरलैस सैट पर संपर्क साध उनका हौसला बनाए रखा। सर्च अभियान में स्थानीय लोगों ने भी अहम भूमिका निभाई। सराज हल्के के विधायक जयराम ठाकुर ने दोनों छात्रों की मौत पर शोक जताया है।