रोहतांग दर्रे में बिछी बर्फ की चादर, फिर भी गुजर रहे वाहन
ब्यास नदी के उद्गम रोहतांग दर्रें में तीन इंच बर्फ गिर चुकी है। बावजूद इसके लाहुल स्पीति के लिए वाहनों की अावाजाही अभी जारी है। यह मार्ग कभी भी बंद हो सकता है।
मनाली [जेएनएन] : लाहुल स्पीति को कुल्लू से जोडऩे वाले 13,050 फुट उंचे रोहतांग दर्रे में हल्की बर्फबारी ने वाहन चालकों की आफत भारी कर दी है। रोहतांग दर्रे में मात्र 3 इंच ही बर्फबारी हुई है लेकिन सड़क पर जमी बर्फ के ठोस हो जाने से वहां से गुजर रहे वाहन चालकों की चुनौतियां बढ़ गई है। हालांकि रोहतांग दर्रे में वाहनों की आवाजाही जारी है लेकिन जोखिम बढ़ गया है।
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कुंजुंम दर्रे में भी 4 इंच बर्फबारी हुई है जिससे मनाली-काजा मार्ग वाहनों के लिए अब लंबे समय के लिए बंद हो गया है। बारालाचा दर्रे में भी आधा फुट ताजा हिमपात हुआ है। इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पहले से ही बंद कर दी गई है। रोहतांग दर्रा पार करने वाले राहगीरों की मदद के लिए 15 नवंबर को कोकसर और मढ़ी में स्थापित की गई बचाव चौकियां भी 31 दिसंबर तक ही अपनी सेवाएं देंगी। हल्की बर्फबारी होने से मनाली-कुल्लू सहित लाहुल के पहाड़ चांदी सा तो चमक गए हैं लेकिन पर्याप्त बर्फबारी न होने से किसान-बागवान व पर्यटन व्यवसायी मायूस हैं।
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लाहुल से वापस मनाली लौटे वाहन चालक दोरजे ने बताया कि रोहतांग दर्रे में हालांकि बर्फ नाममात्र है लेकिन कई जगह यह बर्फ माइनस तापमान के चलते जमकर ठोस हो गई है। उन्होंने बताया कि धूप लगने पर ही वे लोग सफर कर पा रहे हैं। वाहन द्वारा मनाली से लाहुल गए विधायक रवि ठाकुर ने भी बताया कि दर्रे में बर्फबारी कम हुई है लेकिन आफत अधिक है। उधर, कोकसर बचाव दल के प्रभारी लुदर ने बताया कि मौसम साफ होने और 11 बजे के बाद ही कोकसर से मनाली की ओर वाहनों को भेजा जा रहा है। उन्होंने राहगीरों से आग्रह किया कि वे मौसम की परिस्थितियां देखकर ही दर्रा पार करें।
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