दो दिन बाद ही ठेके के विरोध में उतरी महिलाएं
जागरण टीम, बड़सर/बिलासपुर : बड़सर की कठियाणा पंचायत व बिलासपुर के कोठीपुरा में शराब का ठेका खुलने के
जागरण टीम, बड़सर/बिलासपुर : बड़सर की कठियाणा पंचायत व बिलासपुर के कोठीपुरा में शराब का ठेका खुलने के दो दिन बाद ही लोगों ने विरोध के स्वर तेज कर दिए हैं। बड़सर उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत कठियाणा में शराब का ठेका एल-14 का विरोध होना शुरू हो गया है। सोमवार को क्षेत्र की महिलाओं ने ठेके के सामने आकर धरना-प्रदर्शन किया तथा ठेके को बंद करवा दिया।
ग्राम पंचायत कठियाणा में दो दिन पूर्व खुले शराब के ठेके को लेकर क्षेत्र की महिलाओं ने विरोध जताया है। कठियाणा क्षेत्र में खोले गए ठेके को बंद करवाने के लिए कठियाणा, करियाला व कन्नड़ गांवों की महिलाएं ठेके के बाहर आ धमकी तथा ठेका न खुलने को लेकर भी उग्र हुई। महिलाओं ने कहा कि कठियाणा में किसी भी हालत में ठेका नहीं खुलने दिया जाएगा। शराब पीकर लोग आपस में गाली-गलौज करते हैं तथा परिवार का माहौल खराब हो रहा है। जिस स्थान पर शराब का ठेका खोला गया है, उसके नजदीक ही सीनियर सेकेंडरी स्कूल कठियाणा तथा एक सत्संग घर पड़ता है, जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों पर भी बुरा असर पड़ रहा है। इस अवसर पर निर्मला देवी, केसरी देवी, लक्ष्मी, रंजना देवी, पिंकी देवी, कमला देवी, रेखा देवी, रीता, निर्मला, रंजना, उपप्रधान देवराज, वार्ड पंच निर्मला, सपना, जैमल ¨सह, शक्ति चंद सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित रहें। उधर, एटीसी कुलभूषण गौतम ने बताया कि कठियाणा में ठेका शराब विभागीय नियमों के अनुसार ही खोला गया है। फिर भी अगर ठेका खोलने के लिए लोगों का विरोध है तो ऐसे में लोगों की सहमति से अन्य जगह शिफ्ट कर दिया जाएगा।
वहीं, बिलासपुर में शराब के ठेकों के विरोध का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों व महिला मंडल की सदस्यों ने सोमवार को उपायुक्त बिलासपुर ऋग्वेद ठाकुर को ज्ञापन सौंपकर ठेके को तुरंत वहां से हटाने की मांग की है। ग्रामीणों की मांग पर जल्द कार्रवाई न होने पर संघर्ष को तेज करने की चेतावनी दी है।
स्थानीय पंचायत प्रधान नंद लाल, महिला मंडल की प्रधान निर्मला देवी, वार्ड सदस्य सुनीता देवी, देवकी देवी, ममता देवी, नरेश कुमारी, शंकरू देवी, उर्मिला, मंजू, मीरा देवी, सोमा देवी, हिमा देवी, सावित्री, विमला देवी समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि कोठीपुरा में दो रोज पहले ही शराब का ठेका खोला गया है। पंचायत की ओर से शराब का ठेका खोलने के लिए एनओसी भी नहीं दी है। जिस स्थान पर शराब का ठेका खोला गया है वहां से ग्रामीणों के साथ-साथ स्कूली बच्चों का आना जाना रहता है। ठेके से कुछ दूरी पर सरकारी स्कूल व दो अन्य निजी स्कूल भी है। कुछ ही दूरी पर क्षेत्र के लोगों की आस्था के प्रतीक माता का मंदिर भी है। इससे पूर्व क्षेत्र में कभी कोई शराब का ठेका नहीं खोला गया है, लेकिन अब सार्वजनिक स्थान पर शराब का ठेका खुलने से वहां का माहौल बिगड़ सकता है। प्रशासन ने जल्द शराब के ठेके को बंद नहीं करवाया तो ग्रामीणों को अपने स्तर पर ठेका बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी।
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