क्यों 'सोता' है आपका पैर!
हममें से लगभग सभी ने कभी-न-कभी पैर के सोने का जरूर अहसास किया होगा। पैर का सोना कष्टदायक होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ऐसे में फिर आपका कहीं मन नहीं लगता।
हममें से लगभग सभी ने कभी-न-कभी पैर के सोने का जरूर अहसास किया होगा। पैर का सोना कष्टदायक होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ऐसे में फिर आपका कहीं मन नहीं लगता।
कारण : पैरों के सोने की स्थिति में उनमें भारीपन, झुनझुनाहट और अजीब-सी पिन या सुई के चुभन सरीखी अनुभूति होती है। ऐसा पैरों में पर्याप्त रूप से रक्त के न पहुंचने के कारण होता है। आपके पैर तंत्रिकाओं (नव्र्स) पर पडऩे वाले दबाव के कारण सोते हैं।
नव्र्स आपके शरीर में चलने वाले छोटे तारों की तरह होती हैं। नव्र्स आपके मस्तिष्क और शरीर के कई
भागों के बीच संदेश ले जाने का काम करती हैं।
पैर पर ज्यादा दवाब: अगर आप लंबे समय के लिए अपने पैर के सहारे बैठते हैं, तो पैरों की नव्र्स पर दबाव पड़ता हैं। ये नव्र्स कोशीय फाइबर से बनी होती हैं। प्रत्येक एक कोशीय फाइबर अलग-अलग संवेदनाओं को मस्तिष्क तक पहुंचाने का कार्य करते है। इन पर दबाव पडऩे से ब्रेन तक नसों द्वारा पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और रक्त का संचरण नहीं हो पाता है और ब्रेन तक उस अंग के बारे में पहुंचने वाली जानकारी रक्त और ऑक्सीजन के अभाव में
अवरूद्ध हो जाती है। इस कारण वहां संवेदना महसूस नहीं हो पाती और वह अंग सो जाता है। जब उस अंग से दबाव हट जाता है तो रक्त और ऑक्सीजन का संचरण नियमित हो जाता है। पैरों की मालिश करने से यह समस्या दूर हो जाती है।