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थायराइड नेत्र रोग जरुरी है जागरुकता

थायरॉइड ग्लैंड के विकारों से पीडि़त लोग आंखों की समस्याओं से भी ग्रस्त हो सकते हैं। इस स्थिति को कैसे टाला जाए...? हम में से अधिकतर लोगों ने थायरॉइड ग्लैंड के पीडि़तों के बारे में सुना होगा। यह भी सुना होगा कि

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 24 Feb 2015 12:19 PM (IST)Updated: Tue, 24 Feb 2015 12:23 PM (IST)
थायराइड नेत्र रोग जरुरी है जागरुकता

थायरॉइड ग्लैंड के विकारों से पीडि़त लोग आंखों की समस्याओं से भी ग्रस्त हो सकते हैं। इस स्थिति को कैसे टाला जाए...? हम में से अधिकतर लोगों ने थायरॉइड ग्लैंड के पीडि़तों के बारे में सुना होगा। यह भी सुना होगा कि थायरॉइड के कारण

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ब्लड-प्रेशर बढ़ जाता है, पर हम में से चुनिंदा लोग ही जानते हैं कि थायरॉइड रोग आंखों को भी प्रभावित करता है। खासतौर पर ऐसा देखा गया है कि महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले में यह बीमारी ज्यादा होती है।

क्या है रोग

थायरॉइड नेत्र रोग एक ऐसी बीमारी है, जिसमें हमारे शरीर की रोग- प्रतिरोधक कोशिकाएं (इम्यून सेल्स) खुद ही शरीर की थायरॉइड ग्लैंड पर आक्रमण कर देती हैं। इस कारण थायरॉइड हार्मोन जरूरत से ज्यादा या जरूरत से कम मात्रा में स्रावित होता

है। इस हालत में आंखों के पास के टिश्यूज में सूजन आने लगती है।

ज़्यादातर यह बीमारी उन लोगों में पाई जाती है, जिनमें थायरॉइड ग्लैंड हार्मोन अत्यधिक रूप से प्रवाहित होता है।

लक्षण

- थायरॉइड नेत्र रोग के लक्षण आंखों के इर्दगिर्द टिश्यू में सूजन के रूप में नजर आते हैं।

- आंखों में पानी भरना।

- रोशनी पडऩे पर आंखों में दिक्कत महसूस होना, जिसे फोटोफोबिया भी कहते हैं।

- आंखों में सूखेपन (ड्राईनेस) के कारण नेत्रों में होने वाली परेशानी।

- आंखों में दबाब महसूस करना। किसी वस्तु का दो रूप में दिखना, मेडिकल भाषा में डिप्लोपिया कहते हैं।

- आंखों में सिकुडऩ और नजर का गिरना।

कई मामलों में कॉर्निया में अल्सर भी हो सकता है। इस कारण आंखों की पुतलियां बाहर की ओर आ जाती हैं। आंख का ऊपरी भाग सिकुडऩे लगता है। कुछ मामलों में ऑप्टिक नर्व में हानि होने का खतरा भी होता है। दोनों ही स्थितियों में नजर के खोने का खतरा होता है। इसलिए किसी अनुभवी नेत्र विशेषज्ञ से उपचार

करवाना जरूरी है।

इलाज

पहली प्राथमिकता थायरॉइड पर नियंत्रण पाने की होनी चाहिए।

शुरुआती तौर पर डॉक्टर एंटी-थायरॉइड दवाएं देते हैं। इस इलाज के दौरान अक्सर थायरॉइड की समस्या कम हो जाती है। हार्मोनों के कम होने पर थायरॉइड रिप्लेसमेंट थेरेपी दी जाती है।

डॉ. राजीव जैन

बीमारियों की जड़ है यह

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