फेफड़े के कैंसर में रेडियोथैरेपी खतरनाक
रेडियोथैरेपी के इस्तेमाल से मरने की आशंका बढ जाती है। हालांकि, मौत कैंसर की वजह से नहीं होती है।
एम्सटर्डम। फेफड़े के कैंसर के शुरआती दौर में आम तौर पर रेडियोथैरेपी से इलाज किया जाता है। इसके जरिए कैंसर सेल्स को निष्क्रिय किया जाता है। लेकिन, ताजा शोध में इसके नए खतरे सामने आए हैं।
नीदरलैंड्स के शोधकर्ताओं का कहना है कि रेडियोथैरेपी के इस्तेमाल से मरने की आशंका बढ जाती है। हालांकि, मौत कैंसर की वजह से नहीं होती है।
दरअसल, रेडियोथैरेपी के ज्यादा डोज से दिल के बाएं हिस्से और वेना कावा (मस्तिष्क, बांह और शरीर के ऊपरी हिस्से से दिल तक ऑक्सीजन रहित रक्त ले जाने वाली सबसे बड़़ी नस) में गड़बड़ी आने से पीडि़त की जान जाने की आशंका ब़$ढ जाती है। इसका कैंसर से कुछ लेना-देना नहीं होता है, बल्कि रेडियो विकिरण की वजह से नुकसान होता है। शोधकर्ता बारबरा स्टैम ने बताया कि कुछ वषर्षों के अंदर दिए जाने वाले रेडिएशन और कैंसर से इतर होने वाली मौतों में गहरा संबंध सामने आया है। रेडिएशन की वजह से फेफ़$डे के आसपास के अंगों पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है।