नवरात्रि के व्रत के दौरान लोग ले रहे हैं ‘ग्रीन डाइट’
नवरात्रि में नौ दिनों तक व्रत करने वाले लोग ज्यादातर हाई कैलोरी डाइट लेते हैं। साबूदाना, मूंगफली व घी में यह सभी चीजें स्वास्थ के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं।
बदलती जीवनशैली में स्वास्थ्य को लेकर लोग ज्यादा सतर्क हो गए हैं। यही कारण है कि व्रत के दौरान खान-पान को लेकर भी लोग डाइटीशियन की सलाह ले रहे हैं। अक्सर देखने में आता है कि व्रत के बाद लोगों को सांस, पेट, फेफड़े, कॉलेस्ट्रॉल व हृदय संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। इससे बचने के लिए अब पहले से लोगों ने विशेषज्ञों की सलाह लेनी शुरू कर दी है। इसका फायदा यह होता है कि व्रत से पहले स्वास्थ्य जांच करवाकर अपने शरीर की क्षमता के अनुसार ही फलाहार का सेवन करते हैं।
सेंधा नमक में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है व सोडियम की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है। ऐसे में सोडियम कम होने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से निजात मिलती है। ब्लड सर्कुलेशन (रक्त संचरण) सही ढंग से होता है व त्वचा की रौनक बढ़ती है। कुट्टू व सिंघाड़े का आटा शरीर के मेटाबालीज्म (उपापचय) को बढ़ाता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से निजात मिलती है। इस आटे के सेवन से वजन घटता है, जिससे त्वचा में कसाव आता है। व्रत के दौरान लौकी का सेवन बेहद लाभकारी है।
लौकी में कॉलेस्ट्रॉल घटाने का गुण होता है। इससे त्वचा पर आश्चर्यजनक प्रभाव पड़ता है। तोरी में फाइबर (रेशे) होते हैं, जिससे शरीर के पाचन तंत्र की सफाई होती है। विषैले पदार्थ शरीर से निकल जाते हैं, त्वचा कांतिमय बनती है। व्रत के दौरान फलों के नाम पर अधिक मीठे फल जैसे आम आदि के सेवन से बचना चाहिए। इससे शुगर लेवल बढ़ सकता है। त्वचा पर पिंपल की समस्या बढ़ जाती है।
क्या है ग्रीन फलाहार
नवरात्र में नौ दिनों तक व्रत करने वाले लोग ज्यादातर हाई कैलोरी डाइट लेते हैं। साबूदाना, मूंगफली तथा घी यह सभी चीजें स्वास्थ के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। व्रत के समय खाई जाने वाली चीजें गरिष्ठ होती हैं। इनके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर, डाइबिटीज तथा कॉलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मूंगफली में एक्सेसिव मात्रा में फैट होता है। व्रत के दौरान जहां तक हो तली चीजें नहीं खाएं। हो सके तो पालक तथा आलू को उबाल कर खाएं या फिर उन्हें बहुत ही कम चिकनाई में भून लें।
गुरुग्राम, मेदांता की फूड एंड न्यूट्रिशन विशेषज्ञ डॉ. काजल यप्तो पांडे का कहना है, ''मैं लोगों को ग्रीन फलाहार डाइट की सलाह देती हूं। तले हुए साबूदाने की बजाय छोटे साबूदाना की खीर या खिचड़ी बना कर खाना ज्यादा अच्छा होता है। आलू की टिक्की, हलवा आदि चीजों से बचें। सेब, पपीता, अनार, मौसमी, चीकू आदि प्रचुर मात्रा में लें। फलाहार में खीरे व टमाटर का सलाद बनाकर खाएं।''
गुरुग्राम स्थित स्किन एंड स्माइल क्लीनिक के डॉ. सचिन धवन का कहना है, ''व्रत के दौरान कुछ-कुछ खाते रहना चाहिए, नहीं तो शरीर अपनी खुद की ऊर्जा का उपयोग करने लगता है और प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट कम होने लगता है। पीले फलों जैसे पपीता के सेवन से शरीर में विटामिन ए की मात्रा बढ़ती है और विटामिन ए त्वचा को लचीला बनाता है। त्वचा के लिए फल वरदान साबित होते हैं।''
दिल्ली, श्री बाला जी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट की न्यूट्रशीनिस्ट प्रिया भर्मा का कहना है, ''नवरात्र में रखे जाने वाले व्रतों में डाइट को लेकर युवा पीढी ज्यादा ही गंभीर है। अब वह समय चला गया, जब लोग तली भूनी चीजें खाकर अपना पेट भरा करते थे। युवा पीढ़ी अपनी डाइट का खास ख्याल रखती है। लोग बाकायदा डाइटीशियन से संपर्क कर व्रतों के लिए डाइट चार्ट बनवा रहे हैं।''
- जेएनएन