गर्दन में दर्द से मिलेगी राहत
तब सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस की समस्या पैदा होती है। लक्षण: तेज दर्द, जो गर्दन से शुरू होकर बांह तक जाता है।
गर्दन में दर्द के अनेक कारण हो सकते हैं, पर एक प्रमुख कारण सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस नामक रोग है। इन दिनों लोगों द्वारा दोपहिया वाहनों पर चलते वक्त गर्दन एक तरफ रखते हुए कान और कंधे के बीच सेल फोन रखकर बात करने का तरीका भी कालांतर में सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस को उत्पन्न कर रहा है। इसी तरह लेटकर टेलीविजन देखने से भी यह रोग उत्पन्न हो रहा है।
कारण: जब दो हड्डियों के बीच की डिस्क नस (नर्व) को दबाने लगती है, तब सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस की समस्या पैदा होती है। लक्षण: तेज दर्द, जो गर्दन से शुरू होकर बांह तक जाता है। इसके अलावा कलाई और हाथों में दुर्बलता और सुन्नपन महसूस होना आदि इस रोग के लक्षण हैं।
डायग्नोसिस: 'एम आर आइ' जांच आवश्यक है। सर्वाइकल स्पाइन सर्जरी है इलाज: गर्दन की डिस्क व हड्डियों की सर्जरी में प्राय: डिस्क द्वारा नसों पर डाले गए दबाव को हटा कर रीढ़ की हड्डी (स्पाइन) को टाइटेनियम के उपकरण का प्रत्यारोपण करके उसे सुदृढ़ किया जाता है। यह ऑपरेशन आम तौर पर एक्स-रे की निरंतर निगरानी और माइक्रोस्कोप के प्रयोग से किया जाता है।
आज के समय में यह ऑपरेशन लगभग पूरी तरह सुरक्षित है और लगभग शत -प्रतिशत लाभप्रद है। ऑपरेशन के दिन या फिर अगले दिन पीडि़त व्यक्ति चल-फिर सकते हैं और एक सप्ताह बाद पूरी दिनचर्या पहले जैसी हो जाती है।
याद रखें
दवाएं दर्द को अस्थायी तौर पर कम तो कर सकती हैं, परंतु नस पर पड़ रहे दबाव को कम नहीं कर सकती। यह ऐसा ही है, जैसे मकड़ी के जाले को पर्दे या चित्र से छुपा दिया जाए, न कि झाड़ू से उसे स्थाई रूप से हटा दिया जाय।
दूर करें भ्रांति सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस के संदर्भ में एक भ्रांति यह है कि स्पाइन की सर्जरी से लकवा (पैरालिसिस) हो जाता है। यह धारणा बेबुनियाद है।
डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव
न्यूरो-स्पाइन सज
अपोलो हॉस्पिटल, नई दिल्ली