Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सावधान! ज्यादा तनाव से हो सकता है थायराइड

    By Babita kashyapEdited By:
    Updated: Wed, 06 Jul 2016 11:51 AM (IST)

    विश्व में करीब 20 करोड़ लोग थाइरायड संबंधी विकारों से पीडि़त हैं और उनमें से करीब 4.2 करोड़ भारत में हैं।

    नई दिल्ली। भारत की अग्रणी डायग्नोस्टिक चेन एसआरएल डायग्नोस्टिक्स के सर्वे के मुताबिक, विश्व में करीब 20 करोड़ लोग थाइरायड संबंधी विकारों से पीडि़त हैं और उनमें से करीब 4.2 करोड़ भारत में हैं। थाइरायड संबंधी रोगों की एक वजह तनाव भी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एसआरएल द्वारा थाइरायड विकारों के लिए जांचे गए 20 लाख से अधिक नमूनों में से करीब 25.3 फीसदी में टीएसएच का स्तर असामान्य पाया गया। पुरुषों (24 फीसदी) के मुकाबले महिलाओं (26 फीसदी) में यह स्तर अधिक संख्या में असामान्य पाया गया।

    पढ़ें: कान पर बाल आना है खतरनाक संकेत

    इन आंकड़ों का विश्लेषण करने पर खुलासा हुआ कि असामान्य टीएसएच स्तर के सबसे अधिक मामले देश के पूर्वी हिस्से (कुल नमूनों के 27 फीसदी) में हैं। इसके बाद 26 फीसदी के साथ उत्तर भारत का नंबर आता है। वहीं, दक्षिण और पश्चिमी भारत के लिए टीएसएच असामान्यता का यह आंकड़ा काफी कम 22-22 फीसदी रहा।

    फोर्टिस लैब्स की निदेशक डॉ. लीना ने कहा कि अब समय आ गया है कि लोगों के बीच जाकर उन्हें थाइरायड विकारों की वजह, लक्षणों, इलाज और समय पर उनकी जांच के महत्व के बारे में बताया जाए।

    उन्होंने कहा कि एसआरएल डायग्नोस्टिक्स के पास मौजूद देशव्यापी आंकड़ों में देश के विभिन्न हिस्सों और शहरों में रहने वाले पुरुषों और महिलाओं, चाहे वे किसी भी पेशे या सामाजिक-आर्थिक वर्ग से संबंध रखते हों, के जांच नतीजे शामिल थे। उन्हीं नतीजों का विश्लेषण किया गया।

    उन्होंने बताया कि थाइरायड संबंधी समस्याओं में थाइरॉयड (गले के पास एक ग्रंथि) से हॉर्मोन का असामान्य उत्पादन होता है। इस हॉर्मोन के अधिक उत्पादन की स्थिति को हाइपरथाइरॉयडिज्म कहते हैं। जबकि थाइरायड का उत्पादन कम होने से हाइपोथाइरायड होता है।

    पढ़ें: भोजन के बीच में पानी पीना क्या सही है?

    संभव है इलाज

    डॉ. लीना ने कहा कि थाइरायड संबंधी बीमारियों की मुख्य वजह तनाव में रहना और खान-पान में परहेज न करना है। इन बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है, बशर्ते उनकी उचित जांच और इलाज कराया जाए। उचित जांच होने पर ही सही इलाज भी संभव है।

    उन्होंने कहा कि एसआरएल सही जांच करने वाली भारत की सबसे बड़ी डायग्नॉस्टिक्स श्रृंखला है जो लैब्स और नमूना संग्रह केंद्रों के अपने शानदार नेटवर्क के माध्यम से ग्राहकों को स्तरीय डायग्नॉस्टिक्स सेवाएं उपलब्ध करा रही है। इसका मकसद देशभर में व्यापक पहुंच बनाते हुए आम जनता के लिए किफायती खर्च पर उन्नत और स्तरीय डायग्नॉस्टिक्स सेवाएं सुनिश्चित करना है।

    डॉ. लीना ने बताया कि देशभर में इसके 7,272 से अधिक कलेक्शन प्वांइट हैं। इस कंपनी की दुबई, श्रीलंका और नेपाल में बड़ी लैबोरेट्रीज हैं और भारत के बाहर कई देशों में करीब 58 कलेक्शन प्वाइंट हैं।

    पढ़ें: भरपेट खाने से भी घटेगा वजन जानिए कैसे?

    आईएएनएस