रेतीली धरा पर सोने की फसल
संजीव कांबोज, यमुनानगर यमुना के तट की जिस रेतीली धरा से किसान किनारा कर लेते हैं, उसी ज ...और पढ़ें

संजीव कांबोज, यमुनानगर
यमुना के तट की जिस रेतीली धरा से किसान किनारा कर लेते हैं, उसी जमीन पर 73 साल के कनालसी निवासी रूढ़ ¨सह ने मेहनत के दम पर सोना उगा दिया है। इनके खेतों में 18 से 19 सेंटीमीटर की लहलहाती गेंहू की बालियों को देख न केवल आसपास के किसान, बल्कि कृषि विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं। रूढ़ सिंह की माने तो एक गेहूं की बाली में कम से भी 100 से अधिक दाने मौजूद हैं, जबकि सामान्य रूप से एक बाली में 40 से 50 दाने ही पाए जाते हैं। खास बात यह भी है कि इतनी स्वस्थ पैदावार के लिए उन्होंने अतिरिक्त रसायनिक खाद का प्रयोग भी नहीं किया और पापुलर के बीच में यह फसल उगाई हुई है।
मेहनत से पाई सफलता
कनालसी निवासी रूढ़ ¨सह ने बताया कि यमुना नदी के किनारे उनकी करीब 40 एकड़ जमीन है। यह जमीन रेतीली है, लेकिन लगातार मेहनत के दम पर वह इस खेती से ही सोना उगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 1987 में उन्होंने सहकारिता विभाग से ऑडीटर की नौकरी सिर्फ इसलिए छोड़ दी थी कि वह खेती को प्रोत्साहन दे सकें। उनकी जमीन के समीप से यमुना नदी बह रही है। सीजन में उन्होंने 411 किस्म की गेहूं के बारे में सुना था। उन्होंने चार एकड़ में पापुलर की फसल के बीच में बोई। अब फसल पककर तैयार है और गेहूं की एक-एक बाली करीब 18-19 सेंटीमीटर लंबी हैं जबकि सामान्य गेहूं की बालियां अधिक से अधिक 8 से 9 सेंटीमीटर ही हाती हैं।
रासायनिक खाद का कम करते हैं प्रयोग
रूढ़ ¨सह के मुताबिक वह फसल में अधिक रासायनिक खाद का प्रयोग भी नहीं करते। प्रति एकड़ एक बैग डीएपी, एक बैग ओर्गेनिक खाद व दो बैग यूरिया खाद के डाले हैं, लेकिन फसल की समय पर बिजाई व नियमित देखरेख करते हैं। 40 एकड़ में उन्होंने पापुलर के बीच ही अलग-अलग किस्म की गेहूं की बुआई की है, मगर 411 किस्म की गेहूं खेतों में अलग ही दिखाई दे रही है। सामान्य रूप से एक एकड़ में तकरीबन 25 कुंतल के करीब गेहूं की पैदावार होती है, मगर रूढ़ सिंह के खेत में प्रति एकड़ 50 कुंतल के करीब गेहूं की पैदावार होनी की उम्मीद जताई जा रही है।
यह भी हैं अग्रणी
गेहूं की फसल को लेकर क्षेत्र के मेहरमाजरा के किसान धर्मपाल भी काफी अग्रणी हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने खेत में गेहूं की बिजाई की हुई है और एक एकड़ गेहूं ऐसी वैरायटी की है जिसकी लंबाई भी 16-18 सेंटीमीटर है।
वर्जन...
यमुना नदी के क्षेत्र में यदि गेहूं की 18-19 सेंटीमीटर लंबी बाली है और बाली में 100-110 दाने बहुत ही कम मिलते हैं, यदि ऐसा है तो कृषि जगत में बड़ी उपलब्धि है। विभागीय टीम खेतों का दौरा करेगी और फसल के बारे में जानकारी लेगी।
-डॉ. आदित्य प्रताप डबास, उप-निदेशक, कृषि एवं कल्याण विभाग।

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