शहीद रॉकी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए बीएसएफ जवान रॉकी को हजारों लोगों ने शुक्रवार को अंतिम विदाई दी। राजकीय सम्मान के साथ शहीद जवान का अंतिम संस्कार उनके गांव में किया गया। पिता प्रीतपाल ने चिता को मुखाग्नि दी।
यमुनानगर : जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए बीएसएफ जवान रॉकी को हजारों लोगों ने शुक्रवार को अंतिम विदाई दी। राजकीय सम्मान के साथ शहीद जवान का अंतिम संस्कार उनके गांव में किया गया। पिता प्रीतपाल ने चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान लोग शहीद रॉकी अमर रहे और भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ भी नारे लगाए।
अंतिम संस्कार के दौरान विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल, हरियाणा के मंत्री कर्णदेव कंबोज, विधायक बलवंत सिंह, जिला उपायुक्त एमएस फूलिया व बीएसएफ के डीआईजी केके गुलिया सहित हजारों संख्या में लोग मौजूद थे। बीएसएफ की टुकड़ी व पुलिस दल ने शहीद को सलामी दी। जवानों ने शस्त्र झुकाकर व हवा में गाेलियां दगाकर शहीद को अंतिम विवाई दी।
इससे पहले शहीद जवान का पार्थिव शरीर रामगढ़ माजरा में शुक्रवार सुबह उनके घर लाया गया। वीर जवान के अंतिम दर्शन के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। परिजनों का विलाप हर व्यक्ति की आंखों को नम कर रहा था। पिता व मां भारत माता की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति देने वाले अपने लाल को एकटक निहार रहे थे। बहन और भाई का भी बुरा हाल था।
शहीद राूकी के पिता को सम्मान स्वरूप राष्ट्रीय ध्वज देते बीएसएफ अधिकारी।
शहीद राॅकी का पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार रात करीब सवा 11 बजे युमनानगर के सिविल अस्पताल लाया गया। बीएसएफ के एसपी दिनेश कुमार के नेतृत्व में 30 जवानों की टुकड़ी सड़क मार्ग से शव को लेकर पहले साढ़ौरा स्थित रेस्ट हाउस पहुंची। यहां पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण प्रशासन ने आनन-फानन में पार्थिव शरीर को यमुनानगर भेज दिया। शुक्रवार सुबह सात बजे शव परिजनों को सौंप दिया गया। इसके बाद इसे रामगढ़ माजरा लाया गया।
गोलियां दागकर शहीद को सलामी देते जवान।
बृहस्पतिवार रात करीब दस बजे शहीद का पार्थिव शरीर साढ़ौरा पहुंचा, लेकिन यहां पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण प्रशासन ने इसे रिसीव करने से इन्कार कर दिया। इसके बाद उसे यमुनानगर लाया गया और सामान्य अस्पताल में रखवा दिया। इस दौरान एसडीएम जगाधरी प्रेमचंद, एसडीएम बिलासपुर पूजा चांवरिया और सिविल सर्जन डॉ. दहिया मौजूद रहे। एसडीएम ने बताया कि साढ़ौरा में राष्ट्र के नायक के हिसाब से बंदोबस्त नहीं हो पाए थे इसलिए इसे यमुनानगर में रखने का फैसला किया गया।
पैतृक गांव रामगढ़ माजरा में शहीद के अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हर व्यक्ति इस वीर सपूत के अंतिम दर्शन कर लेना चाहता था।
मां बोली- सोमवार को हुई थी फोन पर बात
सोमवार को ही रॉकी ने घर पर फोन किया था। मां से कहा कि वह ड्यूटी से अभी लौटा है और बहुत थका हुआ है। साथ ही बड़े भाई से पूछा कि गांव में माहौल कैसा चल रहा है। इसके बाद अन्य परिजनों से भी बातचीत की।
कैंडल मार्च निकाल दी श्रद्धांजलि
जांबाज रॉकी को सलामी देने के लिए दैनिक जागरण ने अपना सामाजिक सरोकार निभाते हुए शास्त्री पार्क एसोसिएशन व क्षेत्रवासियों के सहयोग से कैंडल मार्च निकाला। इसमें भारी संख्या में महिलाओं, पुरुषों व बच्चों ने भाग लिया और शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन रखा।
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