फिर जेहन में आया गोहाना बैंक सुरंग कांड
जागरण संवाददाता, गोहाना: भिवानी के बैंक ऑफ बड़ौदा में सुरंग बनाकर चोरी करने के प्रयास ने गोहाना के
जागरण संवाददाता, गोहाना:
भिवानी के बैंक ऑफ बड़ौदा में सुरंग बनाकर चोरी करने के प्रयास ने गोहाना के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की मुख्य शाखा के सुरंग कांड के जख्म फिर से हरे कर दिए हैं। भिवानी में हुई घटना में चोर सुरंग से स्ट्रांग रूम तक पहुंचने के बाद भी लॉकरों को नहीं तोड़ पाए, लेकिन गोहाना कांड में चोरों ने 77 लॉकरों से करोड़ों रुपये आभूषण एवं लाखों रुपये की नकदी चुरा ली थी, जिसकी अभी तक भरपाई नहीं हो सकी है।
गोहाना में 27 अक्टूबर, 2014 को पीएनबी में सुरंग से सेंधमारी की घटना का उस समय खुलासा हुआ था जब सुबह दस बजे बैंक खुला। चोरों ने बैंक के स्ट्रांग रूम और साथ लगते खंडहर भवन के बीच लगभग 84 फीट लंबी सुरंग खोद कर वारदात को अंजाम दिया था। चोरों ने पीएनबी के स्ट्रांग रूप में लगभग 85 लॉकरों को तोड़ा था। जिनमें कुछ खाली मिले थे और 77 लॉकरों से करोड़ों रुपये की कीमत के आभूषण व लाखों रुपये की
नकदी चुरा ले गए थे। गोहाना बैंक सुरंग कांड अभी तक जनमानस के यादों में है कि चोरों ने इसी तरह की वारदात को भिवानी के बैंक ऑफ बड़ौदा में अंजाम देने की कोशिश की। वहां भी चोरों ने बैंक के साथ लगते भवन से सुरंग खोदी। चोरों ने वहां भी सुरंग को बैंक के स्ट्रांग रूम में जा निकाला। रात को लगभग 11 बजे सायरन बज जाने से पुलिस मुस्तैद हो गई। भिवानी बैंक के स्ट्रांग रूप में पहुंचने के बाद चोर लॉकरों को नहीं तोड़ पाए। भिवानी की घटना ने एक बार फिर से गोहाना की घटना को ताजा कर दिया है।
नहीं हुए सुरक्षा के प्रबंध
गोहाना में पीएनबी के सुरंग कांड के पांच माह बीत जाने के बाद बैंक ने सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। बैंक सुरक्षा के लिए न तो पहले चौकीदार था और न ही घटना के बाद रात के समय चौकीदार या सुरक्षा कर्मी की व्यवस्था की गई। बैंकों की सुरक्षा रात के समय राम भरोसे रहती है।
क्या बोले एलडीएम
एलडीएम एलएल सुराना ने कहा कि बैंक की कोई ऐसा व्यवस्था नहीं है जिसके तहत रात के समय चौकीदार तैनात किए जाएं। उन्होंने कहा कि बैंकों के स्ट्रांग रूम मानकों को ध्यान में रखकर तैयार होते हैं। चौकीदार तो बाहर की निगरानी कर सकता है। अगर कोई सुरंग खोदकर ही स्ट्रांग रूप के अंदर जाता है तो चौकीदार को भी बाहर से पता नहीं लग पाएगा। उन्होंने कहा कि जहां करंसी चेस्ट होती है वहां सुरक्षा कर्मियों की तैनाती होती है।
आरोपी हुए गिरफ्तार, गहने हुए बरामद
गोहाना पीएनबी के सुरंग कांड के ठीक चार दिन बाद ही पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने इस घटना में लगभग 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिनमें मुख्य रूप से कटवाल व अन्य गांवों के आरोपी शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों से करोड़ों रुपये के आभूषण व लाखों रुपये की नकदी बरामद की थी। अब बरामद आभूषण पीएनबी सोनीपत की शाखा में सुरक्षित रखे हुए हैं। मामला अदालत में विचाराधीन है।
25 दिन तक रखा था बैंक बंद
पीड़ित लॉकर धारकों ने सुरंग कांड के सामने लगातार 25 दिनों तक बैंक के सामने धरना देकर बैंक को बंद रखा था। इसी बीच लॉकर धारकों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व अन्य नेताओं से मिला। नेताओं से कोरे आश्वासन मिले लेकिन गहने नहीं मिले।
सरकार निकाले कोई रास्ता
गोहाना बैंक सुरंग कांड में 77 पीड़ित लॉकर धारक अपनी जीवन भर की पूंजी गंवा चुके हैं। पुलिस ने उनमें से कुछ गहने बरामद किए हैं। सरकार कोई रास्ता निकालकर बरामद हुए पीड़ित लॉकरों को दे।
--संदीप हंस, पीड़ित लॉकर धारक।
कमजोर पड़ने लगी है आस
भले ही पुलिस ने कुछ गहने बरामद किए हैं लेकिन मामला अदालत में चला गया है। इससे मामला लंबा खिंच सकता है। इससे लॉकर धारकों की उम्मीद भी कमजोर पडऩे लगी है।
--अर¨वद, पीड़ित लॉकर धारक।
बेटी की शादी के लिए रखे थे गहने
लॉकर को सुरक्षित जगह समझकर पीएनबी में अपने परिवार के गहने रखे थे। सोचा था जब बेटी की शादी होगी तो काम आ जाएंगे। अब सपने टूट चुके हैं।
--विनोद कुमार, पीड़ित लॉकर धारक।
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