डेरे में करवा चौथ पर चुन्नी में से देखा जाता था राम रहीम को
डेरा प्रमुख राम रहीम के लिए महिला व पुरुष दोनों ही करवाचौथ पर व्रत रखते थे। लेकिन, इस बार राम रहीम के जेल जाने के कारण डेरे में सन्नाटा पसरा रहा।
जेएनएन, सिरसा। डेरा सच्चा सौदा में करवाचौथ का दिन खास होता था। इस दिन विशेष कार्यक्रम होता था। डेरा प्रमुख राम रहीम के जेल जाने के बाद पहली बार यहां इस दिन रौनक नहीं दिखी। वरना कई हजार लोग करवाचौथ के दिन होने वाली मजलिस में बैठते, जिसमें छलनी व चुन्नी में से गुरमीत को देखा जाता था। गुरमीत भी अनुयायियों को न केवल आशीर्वाद देता था, बल्कि इस त्योहार को ऐसे ही मनाने के लिए भी प्रेरणा देता था।
व्रत रखने वालों में न केवल महिलाएं होती थीं, बल्कि पुरुष भी होते थे। कुंवारी युवतियां भी डेरा प्रमुख के लिए व्रत रखती थी। डेरा इसे धार्मिक आस्था के रूप में प्रचारित करता था।
एक दशक पहले शुरू हुई थी परंपरा
डेरा सच्चा सौदा में एक दशक से भी अधिक समय से डेरा प्रमुख की मौजूदगी में करवाचौथ मनाए जाने की परंपरा चली। इस परंपरा में शाम के समय मजलिस के दौरान ही करवा चौथ का कार्यक्रम आयोजित होता। कार्यक्रम में पहले डेरा प्रमुख इस पर्व का महत्व बताता और इसके बाद यहां उपस्थित व्रत रखने वाले अनुयायी भजन-कीर्तन की भी प्रस्तुतियां देते।
डेरा प्रमुख को ही माना जाता चांद
अनुयायी डेरा प्रमुख को चांद मानकर उसकी तरफ छलनी व चुन्नी करके आरती उतारते। कुछ अनुयायी माइक लेकर डेरा प्रमुख को अपना माही मानते हुए उसकी शान में भजन गाते, जबकि पीछे खड़े हजारों श्रद्धालु हाथों में पूजा की थाली लिए डेरा प्रमुख की तरफ मुंह करके उसकी आरती उतारते। अनुयायियों का यह नजारा देखकर डेरा प्रमुख स्टेज पर बैठा-बैठा ही मुस्कुराते हुए उन्हें आशीर्वाद देता नजर आता।
डेरा प्रमुख की आयु बढ़ने की करते थे कामना
व्रत रखने वाले अनुयायियों की ओर से आरती के दौरान डेरा प्रमुख की आयु बढऩे की कामना करते थे। अनुयायियों का कहना था कि जब डेरा प्रमुख उनके साथ है तो उन्हें किसी और चीज की क्या जरूरत है। कोई भी अनुयायी डेरा प्रमुख का दीदार किए बिना व्रत नहीं खोलता था।
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