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टीजीटी की योग्यता में अंग्रेजी वैकल्पिक विषय की शर्त हटवाने की मांग

जागरण संवाददाता, सिरसा : पात्र अध्यापकों ने पिछले वर्ष में हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से न

By Edited By: Published: Wed, 03 Feb 2016 06:13 PM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2016 06:13 PM (IST)
टीजीटी की योग्यता में अंग्रेजी वैकल्पिक विषय की शर्त हटवाने की मांग

जागरण संवाददाता, सिरसा :

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पात्र अध्यापकों ने पिछले वर्ष में हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से निकाली गई टीजीटी की भर्ती में अंग्रेजी के वैकल्पिक विषय की शर्त हटाने की मांग की है। दरअसल, कमीशन ने विभिन्न विषयों के अध्यापक भर्ती करने के लिए घोषणा की थी। जिसमें टीजीटी इंग्लिश के लिए अन्य योग्यताओं में यह भी जोड़ दिया गया है कि उम्मीदवार के पास स्नातक स्तर पर अंग्रेजी का वैकल्पिक विषय होना आवश्यक है। अब यही शर्त पात्र अध्यापक उम्मीदवारों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है। पात्र अध्यापकों का कहना है कि प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में अंग्रेजी वैकल्पिक विषय के रूप में नहीं पढ़ाई जाती है। इसे तो अनिवार्य विषय के तौर पर स्नातक के तीनों वर्षों तक पढ़ाया जाता है।

वैकल्पिक के समकक्ष ही माना यूनिवर्सिटी ने

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने अनिवार्य रूप से पढ़ाई जाने वाली अंग्रेजी को ही वैकल्पिक के समकक्ष माना हुआ है और इसे प्रमाणित भी किया है। मगर अब इस तरह की शर्त से हजारों पात्र अध्यापकों के सामने दुविधा उत्पन्न हो गई। उनमें पात्रता को लेकर भी संशय बना हुआ है। पात्र अध्यापकों का कहना है कि इन उम्मीदवारों की परेशानी को समझते हुए सरकार को टीजीटी अंग्रेजी के लिए वैकल्पिक विषय की शर्त को वापस लेना चाहिए। वैसे भी एचएसएससी बोर्ड ने फरवरी महीने में ही स्क्री¨नग टेस्ट की घोषणा की हुई है। ऐसे समय में यह मांग बिल्कुल सही है।

:::::: अंग्रेजी वैकल्पिक की शर्त के कारण बहुत से पात्र अध्यापकों में संशय की स्थिति बनी हुई है। पात्रता होने के बावजूद भी परेशानी खड़ी हो गई है। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और उम्मीदवारों को लाभ देना चाहिए।

प्रदीप कुमार, पात्र अध्यापक

:::::: ऐसी शर्त कांग्रेस सरकार के दौरान 2012 में ही लगाई गई थी। उस समय भी हमने विरोध किया था। नई सरकार ने पिछली भर्तियां रद्द कर अब दोबारा निकाली है, जिसमें वही शर्तें रख दी गई है। वास्तव में यह शर्त गलत है, इसे बदलना चाहिए। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने कह भी रखा है कि इंग्लिश कोर को ही इलेक्टिव के समकक्ष माना जाए।

पवन चमारखेड़ा, प्रदेश संयोजक, पात्र अध्यापक संघ


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