मनोरोगी महिला को पहले देता था नशे की गोली, फिर करता था दुष्कर्म
रोहतक पीजीआइ के मनाेराग अस्पताल में एक कर्मचारी महिला रोगी को नशे की गोली देकर बेहोश कर देता था और फिर उससे दुष्कर्म करता था।
जेएनएन, रोहतक। पीजीआइ के मनोरोग अस्पताल में भर्ती महिला मरीज को वहां तैनात कर्मचारी पहले नशे की गोली खिलाता था और इसके बाद उसके साथ दुष्कर्म करता था। नशे की गोली से जब महिला मरीज बेहोश हो जाती थी तो कर्मचारी उसे हवस का शिकार बनाता था। वह यह सब पिछले छह माह से कर रहा था। पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया। अदालत में उसे जेल भेज दिया।
इससे पहले पुलिस ने अस्पताल में पहुंचकर वहां तैनात कर्मचारियों से भी पूछताछ की। अभियुक्त उमेश गिरी उत्तराखंड के अल्मोड़ा के गांव चौकड़ी रानीखेत का रहने वाला है और आठ साल से अस्पताल में ठेके पर नौकरी कर रहा है।
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वह छह माह पहले अस्पताल में भर्ती कराई गई महिला के साथ दुष्कर्म कर रहा था। मानसिक रोगी महिला सोनीपत के बरौदा थाना क्षेत्र में इसी साल जून माह में घूमती हुई मिली थी। महिला को पहले खानपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में उसे पीजीआइ के मनोरोग विभाग में भर्ती कराया गया।पढ़ें : महिला खिलाड़ी बाेली- कोच करता है छेड़छाड़, विरोध करने पर देता है धमकी
आरोप है कि उमेश गिरी उसे नशे की गोली देकर बेहोश कर देता था और फिर उसके साथ दुष्कर्म करता था। इसी दौरान महिला गर्भवती हो गई तो हंगामा मच गया। इसके बाद जांच में उसके गर्भवती होने की पुष्टि होने के बाद अस्पताल के कर्मचारियाें उसके सामने शिनाख्त परेड कराई गई तो महिला ने आरोपी की पहचान की। इसके बाद आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया गया।
मनोरोग अस्पताल में महिला मरीज के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद पीजीआइ प्रशासन भी हरकत में आ गया है। अस्पताल के सीईओ डॉक्टर राजीव गुप्ता ने बताया कि इस संबंध में विभाग के सभी डॉक्टरों के साथ मीटिंग की गई है। सुरक्षा में कहां चूक हुई है, इसकी जांच शुरू कर दी है। पीजीआइ प्रशासन का कहना है कि महिला के गांव और उसके परिवार के पता लगा लिया गया है। जल्द ही उसका परिवार पीजीआइ में आएगा। महिला के उपचार में होने वाला खर्च पीजीआइ उठाएगा।
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'' मनोरोगी महिला से दुष्कर्म करने वाले को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे जेल भेज दिया गया है। पीजीआइ के मनोरोग अस्पताल के स्टाफ को भी जांच में शामिल किया जाएगा। अभी महिला के परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
-विद्यावती, एएसआइ, जांच अधिकारी।
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