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    गैस एजेंसियों पर नही कैशलेस की सुविधा, मुश्किल में लोग

    By Ankit KumarEdited By:
    Updated: Mon, 20 Mar 2017 01:17 PM (IST)

    गैस एजेंसी संचालक मशीनें आने का इंतजार कर रहे हैं और सजा उपभोक्ताओं को भुगतनी पड़ रही है।

    गैस एजेंसियों पर नही कैशलेस की सुविधा, मुश्किल में लोग

    जेएनएन, रोहतक। रोहतक में कैशलेस के दावे खरे नहीं उतर रहे हैं। हालात यह हैं कि ऑर्डर देने के बावजूद दो से तीन माह बाद भी गैस एजेसियों को अभी तक पीओएस यानि प्वाइंट आफ सेल (स्वाइप मशीन) मशीनें नहीं मिल सकी हैं। गैस एजेंसी संचालक मशीनें आने का इंतजार कर रहे हैं और सजा उपभोक्ताओं को भुगतनी पड़ रही है।

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    बैंकों की ओर से भी कोई ठोस आश्वासन नहीं मिल सका। यही कारण है कि जिले के करीब तीन लाख उपभोक्ताओं को नकदी उपयोग में लानी पड़ रही है। कई उपभोक्ता तो वापस लौटकर जाते हैं। कुछ पेट्रोल पंपों पर भी ऐसे ही हालात हैं। बता दें कि बीते साल आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने 500-1000 के नोट बंद किए थे। उसी के बाद हरियाणा सरकार ने देश में सबसे पहले कैशलेस करने का एलान किया था।

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    हालांकि प्रदेश सरकार के दावे रोहतक में पूरी तरह से खरे नहीं उतर रहे हैं। वजह है कि जिलेभर की सभी में से महज दो या तीन एजेंसियों पर ही स्वाइप मशीनों की व्यवस्था हो सकी हैं। हालात यह हैं कि आर्डर किसी ने नवंबर तो किसी ने जनवरी में दिया था। यह परेशानी इसलिए भी बढ़ी हुई कि जनता अब क्रेडिट, डेबिट कार्ड आदि कैशलेस के सामानों को साथ लेकर आ रहे हैं। फिर भी ग्राहकों को गैस सिलेंडर लेना हो, नए कनेक्शन आदि को लेकर बेहद परेशानी हो रही है। यही कारण है कि गैस एजेंसियों पर अभी भी लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं।

    ज्यादातर पंप संचालकों को हाथों-हाथ दी गई थी मशीनें

    इस प्रकरण में जब कई पेट्रोल पंप संचालकों से वार्ता की गई तो ज्यादातर ने यही कहा कि 80 फीसद पंपों पर मशीनें हैं। इनमें से 50 फीसद पर पहले से ही मशीनें आ चुकी थीं। मजेदार बात तो यह है कि जिन पेट्रोल पंप संचालकों के यहां मशीनें नहीं थीं, उन्हें आवेदन के कुछ ही दिनों बाद पीओएस लगा दी गईं। मजेदार बात तो यह है कि पंप संचालकों के दो से लेकर तीन तक बैंकों में खाते थे। उन सभी बैंकों में आवेदन के बाद मशीनें भी हाथों-हाथ मिल चुकी हैं।

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