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    बजट में छुपा है मोदी की रेवाड़ी रैली का संकल्प

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    Updated: Sun, 01 Mar 2015 03:45 AM (IST)

    महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी: वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा शनिवार को प्रस्तुत आम बजट में एक खास बात पू ...और पढ़ें

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    महेश कुमार वैद्य, रेवाड़ी: वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा शनिवार को प्रस्तुत आम बजट में एक खास बात पूरी हो गई है। ये खास बात है वन रैंक वन पेंशन की। बजट में भले ही इस बारे में स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट (आइइएसएम) के चेयरमैन मेजर जनरल सत्यबीर सिंह का दावा है कि जेटली ने ओआरओपी यानी वन रैंक वन पेंशन का वादा पूरा कर दिया है। रक्षा मंत्रालय के बजट में बढ़ोतरी इस बार केवल ओआरओपी के लिए ही की गई है। सत्यबीर सिंह के अनुसार नरेंद्र मोदी ने पीएम उम्मीदवार घोषित होने के बाद रेवाड़ी की अपनी पहली रैली में वन रैंक वन पेंशन का जो संकल्प लिया था, वह बजट में ही छुपा हुआ है।

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    जेटली के बजट प्रस्तुत करने के बाद दैनिक जागरण ने इस चर्चित मुद्दे पर कई पूर्व सैनिकों व सैन्य अधिकारियों से बात की, लेकिन कोई भी इस बारे में अधिक स्पष्ट नहीं था। जब मेजर जनरल सत्यबीर सिंह से इस बारे में बात की गई तो दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी। सिंह ने कहा, 'बजट सुनकर मैं बेहद निराश था। मुझे लगा कि पूर्व सैनिकों के साथ वन रैंक वन पेंशन के मामले में इस बार नाइंसाफी हुई है, परंतु मैने बजट भाषण समाप्त होते ही तुरंत रक्षा मंत्रालय के उच्चाधिकारियों से संपर्क साधा। मुझे बताया गया है कि वन रैंक वन पेंशन का वादा पूरा करने के लिए ही रक्षा बजट बढ़ाया गया है। बढ़े हुए बजट में इस मद की जरूरत पूरी की जायगी। मैं रक्षा मंत्रालय से मिले इस जवाब से खुश हूं।

    15 सितंबर 2013 को उठा था मुद्दा

    भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित होने के बाद नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर 2013 को अपनी पहली रैली रेवाड़ी में की थी। इस रैली में जनरल वीके सिंह व मेजर जनरल सत्यबीर सिंह भी मौजूद थे। पूर्व सैनिकों को अपने पाले में करने के लिहाज से ये रैली अहम थी। मोदी के लाइफ का ये टर्निग प्वाइंट कहा जाता है। इसी रैली में पीएम ने पहली बार वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा था। मोदी की रेवाड़ी रैली के बाद ही तत्कालीन मनमोहन सरकार ने वन रैंक वन पेंशन की मांग पर मुहर लगाई, लेकिन ये आरोप आज तक लगते रहे कि मनमोहन सरकार ने घोषणा की, लेकिन बजट नहीं दिया। मोदी सरकार ने पिछली बार भी इस मद में 1000 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया था, लेकिन आवंटन नहीं हो पाया। वन रैंक वन पेंशन का मामला अटका रहा। अब मेजर जनरल सत्यबीर का कहना है कि ये वादा पूरा हो गया है।

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    'मैने बजट प्रस्तुत होने के बाद रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से पूरी स्थिति स्पष्ट कर ली है। हमारी वन रैंक वन पेंशन की मांग पूरी हो गई है। पहली फरवरी को हमारा प्रतिनिधिमंडल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिला था। उन्होंने कहा था कि 28 फरवरी को बजट में इसका प्रावधान वित्त मंत्री से करवा दिया जायेगा और 31 मार्च से पहले वन रैंक वन पेंशन की घोषणा को अमलीजामा पहना दिया जायेगा। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व वित्तमंत्री अरुण जेटली का आभारी हूं।'

    -मेजर जनरल सत्यबीर सिंह, चेयरमैन इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट।