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रेवाड़ी के जेलर का रामपाल पर पलटवार

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: हिसार जेल में बंद बरवाला के सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल द्वारा लगाए 50 लाख

By Edited By: Published: Sun, 08 Feb 2015 01:02 AM (IST)Updated: Sun, 08 Feb 2015 01:02 AM (IST)
रेवाड़ी के जेलर का रामपाल पर पलटवार

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: हिसार जेल में बंद बरवाला के सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल द्वारा लगाए 50 लाख की चौथ मांगने के आरोपों पर रेवाड़ी के जेलर शमशेर दहिया ने पलटवार किया है। आरोपों को झूठ का पुलिंदा करार देते हुए जेलर ने जागरण से कहा, ये साजिश है। मेरी कुछ दिनों में हिसार की उस जेल में नियुक्ति संभावित थी, जिसमें रामपाल है। संभवतया मुझे हिसार आने से रोकने के लिए ये कहानी गढ़ी गई है।

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बुधवार को रामपाल ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हिसार की अदालत में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में रेवाड़ी के जेलर दहिया पर 50 लाख की चौथ मांगने व जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाए गए थे। शमशेर ने दहिया ने रेवाड़ी में बतौर जेल सुप्रीटेंडेंट 31 दिसंबर 2014 को कार्यभार संभाला था। इससे पूर्व वे हिसार की सेंट्रल जेल के जेलर थे।

रामपाल के आरोपों पर जेलर दहिया ने जागरण से बातचीत में कहा, 'मैं हिसार की सेंट्रल जेल में था, जबकि रामपाल हिसार की जेल नंबर दो में। मेरी रामपाल से न कभी उसके सत्संग में मुलाकात हुई और न ही कभी जेल में। मैने तो उसकी सूरत केवल टेलीविजन पर देखी है। हां, ये बात सही है कि मेरा हिसार की जेल नंबर दो में तबादला संभावित था। मुझे लगता है कि अचानक 50 लाख की चौथ व न देने पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप बड़ी साजिश है। संभावना यही है कि मुझे हिसार जाने से रोकने के लिए ये साजिश रची गई।'

समर्थकों में है दहिया का खौफ

ये बात सही है कि जेलर दहिया सेंट्रल जेल में थे और रामपाल जेल नंबर दो में, लेकिन जब रामपाल की गिरफ्तारी हुई थी तब लगभग 1 हजार रामपाल समर्थक देशद्रोह जैसे गंभीर आपराधिक मामलों में दहिया की जेल में रखे गये थे। रामपाल समर्थक जब-तब ये आरोप लगाते रहे हैं कि जेल में दहिया ने 'थर्ड डिग्री फार्मूला' इस्तेमाल किया था। रामपाल समर्थकों में दहिया का खौफ बताया जाता है, परंतु आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जांच भी जरूरी है।

थर्ड डिग्री के सवाल पर दहिया ने कहा कि रामपाल समर्थक जब उनकी जेल में लाए गए थे, तब खुद ही उनकी हालत पतली थी। उनमें से कई चोटिल थे। मैं ये नहीं जानता वे किसी वजह से चोटिल थे, लेकिन जेल में मैने किसी को शारीरिक चोट नहीं पहुंचाई। हां, सख्ती अवश्य की थी। एक साथ इतनी अधिक संख्या में जब देशद्रोह के आरोपी जेल में आ रहे हों तब सख्ती तो जरूरी हो जाती है। मैं तो खुद ही चाहता हूं कि इस पूरे मामले की जांच हो, जिससे रामपाल के झूठ की पोटली खुल सके।


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