द वॉयस ऑफ इंडिया में पानीपत की 'पूर्णिमा' का जलवा
पानीपत की पूर्णिमा ने म्यूजिक रियलिटी शो 'द वॉयस इंडिया सीजन-2' में स्थान बना कर राज्य के सगीत प्रेमियों का दलि जीत लिया है।
जागरण संवाददाता, पानीपत। शहर की पूर्णिमा त्रिपाठी ने 'द वॉयस इंडिया सीजन-2' में अपनी मधुर अावाज से शो क जजों का दिल जीत लिया। उसे ब्लाइंड ऑडिशन में चुन लिया गया। उसका गाना सुनकर शो के जज सहित वहां मौजूद सभी लोग झूम उठे।
पूर्णिमा ने 'कभी जो बादल बरसे तू मुझे लगे पहली बारिश सी' गीत गाया तो मंच पर बैठे जजोंने उसे उसी समय सिलेक्ट कर लिया। हर सप्ताह शनिवार व रविवार को आने वाले इस शो मे पूर्णिमा अपने साथियों के साथ प्रतिद्वंद्वियों के लिए चुनौती बनी हैं। परिवार के लोग भी पूर्णिमा की उपलब्धि से बेहद खुश है। जागरण से विशेष बातचीत मे पूर्णिमा ने कहा कि मौके को भुनाना है, पीछे मुड़कर नहीं देखना है।
पूर्णिमा ने बताया कि वह कक्षा छह में पढ़ती थी तो पानीपत बाल भवन में देशभक्ति का गीत सुनाया। गीत पूरा होते ही खूब तालियां मिलीं और खूब वाहवाही मिली। इसके बाद संगीत पर गंभीरता से ध्यान देना शुरू किया। इसके बाद उसी वर्ष स्कूल की ओर से राज्य स्तरीय आयोजन में ' ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत गाया तब लगा कि अब में माइक पकड़ सकती हूं और बेहतर गा सकती हूं।
पूर्णिमा ने बताया कि पानीपत के आइबी कॉलेज से बीबीए व एमकॉम करते समय कॉलेज स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। उसके गीतों को कॉलेज मं काफी पसंद किया जाता था अौर वहां खूब प्रोत्साहन मिला।
पूर्णिमा के पिता मधुसूदन त्रिपाठी ज्याेतिषी हैं और मंदिरों में पूजा-पाठ के अलावा भजन गाते हैं। पूर्णिमा ने बतायाकि इसी कारण उसे गाने का शौक जगा। पिता जी जब भजन गाते थे तो वह के उनके पीछे बैठकर सुर में सुर मिलाती थी।
द वॉयस इंडिया सीजन टू में प्रवेश के बारे में पूछे जाने पर पूर्णिमा ने बताया कि अक्टूबर में ऑडिशन के लिए अपनी आवाज में ऑडियो क्लिप भेजनी थी। मेरी आवाज को सराहा गया और 14 अक्टूबर को आॅडिशन के लिए मुंबई से कॉल आ गई। वहां करीब 20 दिन की ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग के दौरान रियाज के अलावा दूसरे काम पर ध्यान तक नहीं गया।
ब्लाइंड ऑडिशन में मिली शाबाशी पर पूर्णिमा ने बताया कि उसने जैकपॉट फिल्म का गाना 'कभी जो बादल बरसे तू मुझे लगे पहली बारिश सी' गया तो जज सलीम मर्चेट, नीति मोहन, शान व बेनी दयाल अपनी टीम में लेने के लिए मचल उठे। मैं सलीम मर्चेट की टीम में हूं।
पूर्णिमा का कहना है कि वह बीबीए और एमकॉम करने के बाद गायकी को करियर बनाना चाहेगी। उसने कहा कि इतना बड़ा मंच मिला है। इस मौके को भुनाना चाहूंगी। करियर के लिए मुंबई मे रहना पड़ा तो कोई दिक्कत नहीं है। पूर्णिमा ने बताया कि उस्ताद नदीम खान रामपुर घराने से है। दिल्ली में उनका ट्रेनिंग स्कूल है। उन्हीं से सीख रही हूं।
पूर्णिमा के पिता मधुसूदन त्रिपाठी ने कहा कि हरियाणा की बेटियां खेल के क्षेत्र में खूब नाम रोशन करती रही है। पूर्णिमा गायकी में नाम कमाए तो सुकून वाली बात होगी। उन्होंने पूर्णिमा की उपलब्धि पर खुशी प्रकट की। भाई राघव ने कहा कि बहन की खुशी और करियर के लिए जो बन पड़ेगा करेंगे।
पूर्णिमा की मां सविता देवी ने कहा कि हरियाणा मे कहा जाता है कि बेटियों को आगे नहीं बढ़ाया जाता। मुझे यह बात गलत सिद्ध करनी है। पूर्णिमा ने दो साल तक दिल्ली मे गायकी की ट्रेनिंग की, मैं साथ-साथ गई। बेटी के करियर के लिए मुंबई जाना पड़ा तो एक पल नहीं सोचूंगी।