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    ओलंपिक जीतने के लिए घूमना छोड़ा, मिठाई से बना ली दूरी

    By Edited By:
    Updated: Mon, 16 Jan 2017 02:38 AM (IST)

    विजय गाहल्याण, पानीपत : केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने मिशन ओलंपिक शुरू किया तो सबसे पहल

    ओलंपिक जीतने के लिए घूमना छोड़ा, मिठाई से बना ली दूरी

    विजय गाहल्याण, पानीपत :

    केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने मिशन ओलंपिक शुरू किया तो सबसे पहले पानीपत के नीरज चोपड़ा से मिले। खंदरा गांव के चोपड़ा ने हाल ही में अंडर-20 जूनियर एथलेटिक्स चैंपियन में भाला फेंक में विश्व रिकॉर्ड बनाया है। मंत्री से मिलकर नीरज का हौसला और बढ़ा है।

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    नीरज चोपड़ा के लिए थ्रो करने में वजन व मोटापा रोड़ा बनने लगा था। उसने बेंगलुरु कैंप में रोटी व मिठाई से दूरी बनाई। चावल व हल्का खाना खाया। प्रतिदिन अभ्यास छह से आठ घंटे किया। इससे दो महीने में 86 किलो से वजन घटाकर 82 कर लिया है। अब उनका लक्ष्य इस अगस्त में लंदन में होने वाली व‌र्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप और फिर 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का है।

    सरकार की अनदेखी से आहत, खेल मंत्री से मिलकर बढ़ा हौसला

    विश्व रिकॉर्ड बनाने पर जहां नीरज चोपड़ा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम बडे़ खिलाडि़यों ने बधाई दी, वहीं उनके प्रदेश हरियाणा में सरकार ने सम्मान में समारोह तक नहीं किया। नीरज ने बताया कि खेल मंत्री विजय गोयल ने भरोसा दिलाया कि आगामी ओलंपिक की तैयारी में उसके लिए खेल सुविधा में कमी नहीं आने दी जाएगी। अगर उसे कोई अड़चन है तो तुरंत जानकारी दे। इससे उसका हौसला बढ़ा है और वह देश के लिए पदक जीतने में कसर नहीं छोड़ेगा।

    घूमने का शौक छोड़ा, ग्राउंड पर बीतता है ज्यादा समय

    नीरज ने बताया कि उसे घूमने का शौक है। वह समय मिलते ही मॉल व अन्य जगह चला जाता था। अब देश की उससे आस ज्यादा है। इसी वजह से घूमना छोड़ दिया है। सुबह पांच बजे ग्राउंड में चला जाता हैं। इसके बाद अभ्यास कर नाश्ता और फिर खाना खाकर आराम करता हूं। कमरे पर भी अभ्यास करता हूं। फिर शाम को ग्राउंड पर होता हूं।

    पहले एक जेवलिन के तरसता था, अब हैं 14

    चार साल पहले नीरज एक जेवलिन के लिए तरसा जाता था। अब उसके पास अभ्यास के लिए 14 जेवलिन हैं। एक जेवलिन की कीमत 80 से एक लाख रुपये तक है। नीरज ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया मूल के कोच गैली कैलवर्ट ने उसकी तकनीक में सुधार कराया है। गलती होने पर कोच डांटते हैं। अच्छा करने पर शाबाशी भी मिलती है।