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अब हेमू की समाधि पर विवाद, दरगाह को समाधि बता लगाया केसरिया ध्‍वज

पानीपत के सौदापुर गांव में बने हेमू की समाधि को लेकर विवाद पैदा हो गया है। कुछ युवकों ने वहां समा‍धि स्‍थल पर बनी दरगाह पर केसरिया ध्‍वज फहरा दिया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 24 Oct 2016 10:49 AM (IST)Updated: Mon, 24 Oct 2016 04:39 PM (IST)

जेएनएन, थर्मल (पानीपत)। यहां सौदापुर गांव में हेमू की समाधि के पास हंगामा हो गया। कुछ युवकों ने समाधि पर केसरिया झंडा लहरा दिया। इन युवकों ने बड़े इमाम के पास नारेबाजी भी की। युवक जहां समाधि बता रहे थे वहां अभी दरगाह है। इस कारण वहां तनाव पैदा हाे गया है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने बमुश्किल मामला शांत कराया। पुलिस ने चार युवकों काे हिरासत में ले लिया।

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असंध रोड पर सौदापुर गांव के पास कथित रूप से हेमू की समाधि है और वहां अभी दरगाह बनी हुई है। इसको लेकर विवाद रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि दरगाह तो बाद में बनी थी और यह वास्तव में हेमू की समाधि है। रविवार को कुछ युवकों ने वहां लेग हरे झंडे उतार दिए और गुंबद पर केसरिया ध्वज फहरा दिया।

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इसके साथ ही उन्होंने वहां लगे बोर्ड पर हेमचंद्र विक्रमादित्य के पोस्टर भी लगा दिए। युवकों ने समाधि स्थल पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए वहां रह रहे चेन्नई निवासी मोहम्मद नजीब को निकालने की मांग की। उनका कहना था कि समाधि पर कब्जा कर उसे दरगाह का रूप दे दिया गया है।

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घटना की सूचना मिलले के बाद थाना मॉडल टाउन प्रभारी अमित शर्मा व असंध नहर नाका इंचार्ज कृष्ण सरोहा मौके पर पहुंचे। प्रदर्शनकारी युवक मामले की जांच को लेकर अड़ गए। उन्होंने इस जगह के हेमू की समाधि बताते हुए पुलिस अधिकारियों को अपनी आेर से इस बारे में कथित सुबूत भी दिए। बाद में डीएसपी आत्माराम मौके पर पहुंचे। युवकों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।

पूछताछ के लिए चार हिरासत में

विवाद के दौरान पुलिस ने पूछताछ के लिए गांव के जोगेंद्र, रवि, राहुल व गौतम को हिरासत मे लिया। गौरतलब है कि गांव में इस स्थान को ग्रामीण हेमू की समाधि व मंदिर होने का दावा कर रहे हैं। वर्ष 2002 से मोहम्मद नजीब यहां रहने लगा और यहां का सारा हुलिया बदल दिया।

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प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उनके पास इस बात के पक्के सुबूत हैं कि यहां अंतिम हिंदू राजा हेम चंद्र विक्रमादित्य की समाधि है। वहीं मोहम्मद नजीब का कहना है कि वह 1987 से यहां पर आ रहे हैं और वर्ष 2002 से यहां रहने लगे। उधर, असंध नहर नाका इंचार्ज कृष्ण सरोहा ने बताया मामले को लेकर शिकायत दर्ज नहीं हुई हैं। युवकों को समझा दिया गया है।

हेमू कौन थे

इतिहास में वर्णित है कि हेमू की लड़ाई 1556 में मुगल बादशाह अकबर से हुई। इसे पानीपत की द्वितीय लड़ाई के नाम से जाना जाता है। बैरम खां के नेतृत्व में लड़ाई लड़ी गई। हेमू पहले एक अफगान शासक का सेनापति था। दिल्ली पर विजय करने के बाद हेमू ने स्वयं को स्वतंत्र शासक घोषित कर दिया। पानीपत की दूसरी लड़ाई में मारा गया।

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