'मेक इन इंडिया' को सफल बनाने में जुटा पानीपत का उद्योग जगत
महावीर गोयल, पानीपत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' योजना को सफल बनाने के अभियान म
महावीर गोयल, पानीपत :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' योजना को सफल बनाने के अभियान में पानीपत का उद्योग जगत भी जुट गया है। यहां के उद्यमियों ने अपनी मेहनत के बलबूते कंबल उत्पादन में चीन को मात देनी शुरू कर दी है। पिछले चार पांच साल के दौरान देश में 80 प्रतिशत कंबल चीन से आयात किए जा रहे थे। इस वर्ष पानीपत में ही देश की खपत का 80 प्रतिशत कंबल बनना शुरू हो गया है। अगले साल तक 100 प्रतिशत कंबल देश में ही बनेगा।
अब देश में चीन के स्थान पर पानीपत के कंबल को पंसद किया जा रहा है। पानीपत में बने कंबल जहां चीन के मुकाबले में सस्ते पड़ रहे हैं, वहीं क्वालिटी के स्तर पर भी ये चीन के कंबल पर भारी पड़ रहे हैं।
12 यूनिटों में एक लाख कंबल का उत्पादन
पानीपत में 12 यूनिटें लगी हैं, जिनमें मिंक ब्लैंकिट्स का उत्पादन होता है। इन यूनिटों में एक लाख कंबल का उत्पादन प्रति दिन हो रहा है। वहीं अगले वर्ष तक 50 हजार कंबल प्रतिदिन और बनने शुरू हो जाएंगे।
तीन लाख पोलर कंबल
पानीपत ने देश को पोलर कंबल के उत्पादन में आत्मनिर्भर बना दिया है। यहा तीन लाख पोलर कंबल प्रतिदिन बनते हैं, जो तोल के हिसाब से बिक रहे हैं। इस प्रकार से चीन से आने वाले 80 प्रतिशत कंबल अब पानीपत से सप्लाई होने शुरू हो चुके हैं।
शहर में पोलर कंबल की 15 यूनिटे हैं, जबकि 10 यूनिट और लगाई जा रही हैं। इस प्रकार पानीपत मिंक तथा पोलर कंबल का हब बन चुका है। आने वाले समय में यहां के बढ़ते उत्पादन को देखते हुए देश को अन्य देशों से कंबल के आयात की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। इस प्रकार कंबल बनाने में देश आत्मनिर्भर होकर प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया के लक्ष्य को पूरा कर लेगा।
इवोक इंडिया ब्रांड के कंबल निर्माता प्रीतम सचेदवा ने बताया कि पानीपत अब मिंक तथा पोलर कंबल का हब बन चुका है। परंपरागत शौडी कंबल की मांग कम होने के कारण यहां के उद्यमियों ने आधुनिक तकनीक अपनाते हुए मिंक तथा पोलर कंबल को बनाना शुरू किया है। अब चीन पर हमारा कंबल भारी पड़ रहा है।