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    मुरथल में उपद्रव पर चश्‍मदीद ने कहा- मारपीट तो हुई, दुराचार नहीं देखा

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sat, 27 Feb 2016 01:11 PM (IST)

    दिल्‍ली के एक परिवार ने मुरथल में हुए उपद्रव की दिल को दहला देने वाली आपबीती सुनाई है। परिवार के अनुसार, उपद्रवी लोगों से बुरी तरह मारपीट कर रहे थे और उनकी गाडि़यों को आग लगा रहे थे। परिवार व ढ़ाबा मालिको ने दुष्‍कर्म की घटनाओं से इनकार किया है।

    चंडीगढ़। जाट आंदोलन के दौरान नेशनल हाईवे पर उपद्रवियों का कारनामा सामने आने लगा है। दिल्ली से पहुंचा एक परिवार उस खौफनाक मंजर को याद कर अब भी सिहर उठता है। उन्होंने कहा कि उपद्रवियों ने तब छोड़ा, जब उन्होंने जय जाट बोला। जीटी रोड से गुुरजने वाले वाहन चालकों व यात्रियों से मारपीट तो की गई लेकिन दुराचार जैसी घटना नहरं देखी। दूसरी ओर, मुरथल के ढाबा मालिकोें को कहना है कि यहां महिलाओं से दुष्कर्म जैसी घटना नहीं हुई।

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    उपद्रवियों के शिकार दिल्ली के एक परिवार ने बताई आपबीती

    दिल्ली के न्यू अशोक विहार निवासी सतीश कुमार अपनी पत्नी बबीता शर्मा व भतीजे हरजिंद्र के साथ गन्नौर डीएसपी कार्यालय में पहुंचे और आपबीती सुनाई। बकौल सतीश जब वह जाम के करीब पहुंचे, तो वहां उपद्रवी तांडव मचाए हुए थे।

    जय जाट बोलने पर दंगाइयोंं छोड़ा तो खेत में छिपकर बचाई जान, मची थी चीख पुकार

    सतीश ने कहा, ''वे पीछे से डंडे बरसाते हुए आ रहे थे, इसी बीच उन्होंने गाड़ी से हाथ बाहर निकाला, तो हाथ पर जोर से डंडा मारा, फिर बोले कि जय जाट बोलो। डर के मारे उन्होंने बोल दिया, तो उन्हें छोड़कर आगे बढ़ गए। इसके बाद वह परिवार के साथ बच-बचाकर खेतों में जाकर छुप गए। वहां से दिखाई कुछ नहीं दे रहा था पर चीख-पुकार व गोलियां चलने की आवाज खूब आ रही थी।

    बेरहमी से की राहगीरों की पिटाई

    सतीश के अनुसार, वह सोमवार अल सुबह सुखदेव ढाबे के पास गांव हसनपुर-कुराड के मोड़ पर पहुंचे, तो उपद्रव मचा हुआ था। लोगों ने मारपीट शुरू कर दी व उनकी गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। आंदोलनकारी कुछ ही देर में मारपीट करते हुए पीछे निकल गए। वहां पर खड़ी सभी गाडिय़ों की सवारियां उपद्रवियों का सामना करने के लिए बाहर निकल गई। इसके बाद कुछ ही देर में ऐसा लगा कि जाम खुल गया है, तो सभी फिर से अपनी गाडिय़ों में बैठ गए, लेकिन इसी बीच पीछे से बहुत से उपद्रवी डंडे बरसाते हुए आ गए।

    सतीश के अनुसार, आंदोलनकारियों ने लोगों को गाडिय़ों से निकाल-निकाल कर पीटना शुरू कर दिया। इस दौरान हरजिंद्र के सिर में गहरी चोट लगी। वह अपने परिवार के साथ पास के ही खेत में जाकर छिप गए। सतीश शर्मा का कहना है कि इस दौरान चीख-चीत्कार तो खूब सुनाई दी थी, लेकिन उन्होंने किसी के साथ दुष्कर्म होते अपनी आंखों से नहीं देखा।

    ढाबा मालिकों ने किया दुष्कर्म की घटना से इन्कार

    मुरथल के ढाबा मालिकों का कहना है कि दस महिलाओं से दुष्कर्म की बात गलत है। उनका दावा था कि इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। बताए जा रहे घटनास्थल के नजदीक स्थित सुखदेव ढाबा के संचालक सरदार अमरीक सिंह के अलावा कई दूसरे ढाबा संचालक ऐसी किसी घटना को सिरे से नकार दिया।

    उनका कहना था कि महिलाओं से अभद्रता जैसी कोई घटना इलाके में नहीं हुई है। घटना के दिन आसपास के गांवों के लोगों ने ही ढाबों को जलने से बचाया था। अब कुछ लोग उनके ढाबे के साथ-साथ दूसरे होटलों व ढाबों को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।

    सिर्फ मारपीट स्वीकारी :गन्नौर के डीएसपी सतीश शर्मा का कहना है कि दिल्ली के एक परिवार ने घटना का ब्योरा दिया है। परिवार ने मारपीट की बात स्वीकार की है, लेकिन छेड़छाड़ या दुष्कर्म जैसी किसी घटना के होने से साफ इंकार किया है। शुक्रवार को डीजीपी यशपाल ङ्क्षसघल के अलावा विशेष जांच टीम के पहुंचने की सूचनाओं के बीच मौके पर दिनभर गहमागहमी रही।

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