जाट आंदोलन: तनाव के बीच शांति से गुजरा बलिदान दिवस
जाट आंदोलन में बलिदान दिवस तनाव के बीच शांति से गुजर गया। हवन कर पिछले साल मारे गए युवाओं को श्रद्धांजलि दी गई। जाट नेताओं ने अांदोलन की रणनीति बदल ...और पढ़ें

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में जाट आंदोलनकारियों ने आज बलिदान दिवस मनाया गया। बलिदान दिवस तनाव के बीच शांति से गुजर गया। कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। इस दौरान दिनभर धरनास्थलों और आसपास के क्षेत्रों में तनाव रहा और माहौल गर्माया रहा। धरनास्थलों और शहरों में कड़ी सुरक्षा है और पुलिस व अर्द्ध सैनिक बलों के जवान तैनात हैं। इसके साथ ही जाट नेताओं ने 20 फरवरी से आंदोलन की रणनीति में बदलाव का एलान किया। इसके तहत कई जिलों में धरनास्थलों की संख्या बढ़ाई जाएगी। साथ ही जाट सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन चलाएंगे।
कई जिलों में धरनों की संख्या बढाने सहित आठ फैसले का एलान
धरनास्थलों के आसपास और शहरों में पुलिस और अर्द्ध सैनिक बलों ने मोर्चाबंदी कर रखी है। हाइवे और रेलवे लाइनाें की सुरक्षा में अर्द्ध सैनिक बलों के जवान तैनात हैं। सुबह से ही जाटों का धरनास्थलाें पर आना जारी हो गया था और सभी जगह धरना स्थलों पर हजारों की संख्या में लोग पहुंचे।
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धरनास्थलों पर पिछले साल जाट आंदोलन के दौरान मारे गए 24 जाट युवाओं को श्रद्धांजलि दी गई। धरनास्थलों पर हवन यज्ञ किया गया और लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर इन युवाओं को श्रद्धांजलि दी। सभी धरनास्थलों पर पिछले साल आंदोलन में हिंसा और फायरिंग में मारे गए इन जाट युवाओं की तस्वीरें लगी थीं और लोगों ने इस पर पुष्पांजलि अर्पित की।
देखें तस्वीरें: जाट अांदोलन में मारे गए युवाओं को दी श्रद्धांजलि
दूसरी ओर, राज्य में कई रूटों पर रोडवेज की बस सेवा बंद रही। देवबन कैंची, जसिया और रामायण गांव सहित सभी धरनास्थलों के 10 किलोमीटर के दायरे में इंटरनेट सेवा बंद रही । धरनास्थलों पर भारी भीड़ हो जाने के कारण कैथल के देवबन में कैथल-जींद और कैथल-असंध स्टेट हाइवे जाम हाे गया है। जींद के इक्कस में जींद- हांसी मार्ग भी जाम हो गया।
जींद-हांसी, कैथल-जींद व कैथल-असंध मार्ग बाधित हुआ
जींद में बाइकों पर सवार युवक शहर में घुस आए और नारेबाजी करने लगे। पुलिस व अर्द्ध सैनिक बलों ने उनको रोक दिया तो तनाव पैदा हो गया। उधर इक्कस में भी भारी संख्या में जाट आंदोलनकारी उमड़े। यहां अन्य दिनों की अपेक्षा तीन गुना भीड़ थी। इस वजह से पंडाल छोटा पड़ा गया और लोग पास के सड़कों पर पहुंच गए। भीड़ के कारण जींद-हांसी मार्ग बंद हो गया। कैथल के देवबन कैंची पर हजारों की संख्या में जाट आंदोलनकारी पहुंचे। यहां भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि आंदोलनकारी स्टेट हाइवे पर आ गए। कैथल-जींद और कैथल-असंध रोड जाम हो गए।
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हिसार से दिल्ली, गुड़गांव और पानीपत रूट पर बसें नहीं चलीं, जींद-रोहतक मार्ग पर भी बस सेवा बाधित
राज्य में बसों के परिचालन पर भी असर पड़ा। हिसार से दिल्ली और गुड़गांव की बस सेवा बंद कर रही। हिसार से दिल्ली और गुड़गांव रुट पर 36 से ज्यादा बसें नहीं चली। हिसार-पानीपत रूट पर भी हरियाणा रोडवेज द्वारा बसेें बंद हैं। जींद और रोहतक रूट पर भी बसें नहीं चलीं। हिसार से दिल्ली के लिए बसें बंद होने से रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की काफी भीड़ रही। वैसे रविवार होने से कामकाजी लोगों को राहत रही।
चंडीगढ़ से रोहतक जाने वाली 20 बसें रहीं रद
चंडीगढ़ में सेक्टर 17 स्थित बस स्टैंड से रोहतक जाने वाले वाली 50 बसों में 20 बसें रद रहीं। इसके अलावा रोहतक को जाने वाली और रोहतक से आने वाली तमाम बसें वाया सोनीपत होकर चंडीगढ़ आईं। सेक्टर 17 में हरियाणा रोडवेज के अड्डा इंचार्ज रमेश ने बताया कि वैसे तो आंदोलनकारी जाटों की वजह से किसी तरह की कोई घटना सामने नहीं आई हैं, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से रोहतक जाने वाली बसों का रूट बदल दिया गया था। सीधे रूट में बसें चंडीगढ़ से पानीपत और पानीपत से रोहतक जाती हैं, लेकिन रविवार को सारी बसें पहले सोनीपत गईं और फिर सोनीपत से होकर रोहतक गई। वापसी में भी बसों का यही रूट रहा। इसके अलावा बीस बसें रद रही हैं।

हिसार के रामायण गांव में धरनास्थल पर मौन रखकर पिछले साल मारे गए युवाओं को श्रद्धांजलि देते लोग।
रोहतक में आंदोलनकारियों ने राजीव चौक का नाम शहीद जाट चौक रखा, बोर्ड लगाए
रोहतक में भी उस समय तनाव पैदा हो गया, जब आंदोलनकारियों ने शहर के राजीव चौक पर प्रदर्शन करने के लिए जाने की कोशिश की। वे वहां हवन भी करना चाहते थे, लेकिन पुलिस व अर्द्ध सैनिक बलों के जवानों ने उनकाे रोक दिया। लेकिन, आंदोलनकारी वहां जाने के लिए अड़े रहे तो बाद में कुछ लोगों को राजीव चौक तक जाने दिया गया। वहां इन लोगों ने हवन किया और पिछले साल जाट आंदोलन के दौरान इस जगह पर शहीद हुए जाट युवाओं काे श्रद्धांजलि दी। वहां मौजूद आंदोलनाकारियों ने राजीव चौक का नाम बदलकर जाट शहीद चौक रख दिया और इसका बोर्ड भी लगा दिया।
तस्वीरें: जाट आंदोलन में बलिदान दिवस पर सुरक्षा बेहद कड़ी
हिसार में रामायण गांव में धरनास्थल पर हजारों की संख्या में लोग उमड़े। रेलवे ट्रैक पर भारी संख्या में लोग पहुंच गए, हालांकि ट्रेनों का अावागमन जारी है। ट्रेन के अाने पर लोग ट्रैक से हट कर किनारे आ गए। प्रशासनिक अधिकारी लोगों से शांति बनाने की अपील कर रहे हैं। धरनास्थल पर जाट नेता भी मंच से शांति की अपील करते रहे।
रोहतक के जसिया, हिसार के रामायण, कैथल के देवबन कैंची और जींद के इक्कस सहित राज्यभर में धरना स्थलों पर सुबह से ही जाट अांदोलनकारी जुटने शुरू हो गए। जाट अांदाेलनकारी पिछले साल फरवरी हुई हिंसा और पुलिस व अर्द्ध सैनिक बलों की कार्रवाई में मारे गए 24 जाट युवकों को श्रद्धाजंलि देने के लिए बलिदान दिवस मनाया।

हिसार के रामायण में जाट आंदोलनकारी बलिदान दिवस पर हवन करते हुए।
देखें तस्वीरें: बलिदान दिवस पर उमड़े जाट अांदोलनकारी
दूसरी ओर, यह भी संभावना जताई जा रही है कि जाट आंदोलनकारी रोहतक और हिसार में कुछ और जगहों पर धरना शुरू कर सकते हैं। हिसार में रामायण गांव के अलावा सुरेवाला चौक पर धरना शुरू कर सकते हैं। जाट संघर्ष समिति के पूर्व जिलाध्यक्ष अमी सिंह बिठमड़ा ने कहा कि सरकार ने मांगों को नहीं माना तो इसके बाद सुरेवाला चौक पर धरना शुरू किया जाएगा।

रोहतक में तैनात अर्द्ध सैनिक बलों के जवान।
इसी तरह रोहतक के जसिया के अलावा कुछ अन्य जगहों पर धरना शुरू करने की तैयारी बताई जाती है। धरना उन स्थानों पर शुरू किया जा सकता है जहां जाट अांदोलन के दौरान पिछले साल फायरिंग हुई थी। इसके मद्देनजर रोहतक शहर को सील कर दिया गया। रोहतक-दिल्ली हाइवे और रेल मार्ग पर भारी संख्या में अर्द्ध सैनिक बलों के जवान तैनात हैं।
देखें तस्वीरें: जाट आंदोलन में पुलिस व अर्द्ध सैनिक बलों ने संभाला मोर्चा

जींद के इक्कस गांव में धरने में शामिल जाट आंदोलनकारी।
प्रशासन ने धरनास्थल की 10 किलोमीटर की परिधि में इंटरनेट बंद कर दिए हैं। इन क्षेत्रों में मोबाइल कंपनियों के टावर बंद रहे। यह वाट्स एप पर चलने वाली अफवाहों से माहौल बिगड़ने के अंदेशे के चलते किया गया। कैथल में देवबन कैंची गांव में जाट कैथल-जींद स्टेट हाइवे के पास धरने पर बैठे हैं तो हिसार के रामायण गांव में रेलवे ट्रैक से महज 100 मीटर की दूरी पर जाटों का धरना चल रहा है।
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रोहतक के जसिया गांव में धरनास्थल पर मौजूद महिलाएं।
चरखी दादरी, झज्जर, पानीपत के उग्राखेड़ी, भिवानी के धनाना गांव में भी हजारों की संख्या में जाट धरनास्थल पर आए और। यमुनानगर में भी सुबह से काफी संख्या में लोग धरनास्थ्ाल पर आए। फतहाबाद के ढाणी गोपाल में भी काफी संख्या में आंदोलनकारी धरनास्थल पर पहुंचे। सभी जगहाें पर हवन किया गया और मारे गए युवाअाें को श्रद्धांजलि दी गई।
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दूसरी ओर, सरकार ने जाटाें के तेवर को देखते हुए सुरक्षा के प्रबंध कड़े किए हैं। हिसार के रामायण गांव में धरना स्थल के अासपास और हिसार, हांसी सहित अन्य शहरी इलाकों में भारी पुलिस बल और अर्द्ध सैनिक बलों के जवान तैनात हैं। वे आंदोलनकारियों की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं। हिसार-दिल्ली हाइवे और रेलवे लाइन के पास अर्द्ध सैनिक बलों और पुलिस के जवानों ने मोर्चाबंदी कर रखी है। इनमें महिला जवानों की संख्या भी काफी है।

भिवानी के धनाना गांव में हवन करते जाट आंदोलनकारी।
रोहतक शहर और जसिया गांव में धरनास्थल के पास भी भारी पुलिस बल और अर्द्ध सैनिक बलों के जवान तैनात हैं। पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील है। शहर अौर आसपास के इलाके में पुलिस और अर्द्ध सैनिक बल के जवान निगरानी कर रहे हैं। कैथल शहर और देवबन कैंची में धरनास्थल के आसपास भारी पुलिस बल व अर्द्ध सैनिक बल तैनात हैं। वरिष्ठ अधिकारी पूरी स्िथति पर नजर बनाए हुए हैं और क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।
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जींद के इक्कस गांव में भी धरनास्थल और आसपास के क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात हैं अौर अर्द्ध सैनिक बलों के जवान भी मोर्चा संभाले हुए हैं। जींद शहर में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। राज्य के अन्य हिस्सों में भारी सुरक्षा है।

राेहतक में माेर्चा संभाले पुलिस जवान।
प्रदेश में सुरक्षा के कड़े इंतजाम, कोई गड़बड़ी नहीें हाेने देंगे : अकील
दूसरी ओर, हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मोहम्मद अकील ने चंडीगढ़ में जाट आंदोलनकारियों के बलिदान दिवस मनाने के दृष्टिगत प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति सामान्य व शांतिपूर्ण रहेगी राज्य में सुरक्षा के कड़े और पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
देखें तस्वीरें: जाटों के तेवर दिखे तीखे, धरनों में उमड़ी भीड़

हिसार में बस सेवाएं बंद होने से रेलवे स्टेशन पर लगी यात्रियों की भीड़।
जींद के इक्कस में भी हजारों की संख्या में आंदाेलनकारी धरनास्थल पर पहुंचे। वहां भी हवन किया गया और पिछले साल जाट आंदोलन के दौरान मारे गए युवाओं को श्रद्धांजलि दी गई।
दूसरी ओर, रोहतक में जाट नेताओं ने आंदोलन की रणनीति बदलने का एलान किया। इसके तहत कई जिलों में धरनों की संख्या बढ़ाने सहित आठ फैसले किए गए। इसके एलान किया गया कि सरकार के खिलाफ असहयोग अांदोलन चलाएंगे।

जींद में नारेबाजी करते बाइक सवार युवक।
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