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    सूखा मामले पर हरियाणा काे SC की फटकार, नया हलफनामा किया खारिज

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Tue, 12 Apr 2016 06:29 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने सूखे के मामले पर चल रही सुनवाई के दाैरान मंगलवार को हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने हरियाणा सरकार द्वारा इस पर दोबारा पेश किए गए हलफनामे को स्‍वीकार करने से मना कर दिया।

    चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सूखे के मामले पर सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार को जमकर फटकार लगाई। न्यायालय ने इस मामले पर हरियाणा सरकार का नया हलफनामा स्वीकार करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ' यह कोई मजाक नहीं है। यहां कोई तमाशा नहीं चल रहा है। हम आपको दोबारा क्यों सुनें।' सुप्रीम कोर्ट में 12 सूखाग्रस्त राज्यों के मामले में सनवाई हाे रही है।

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    कहा- दोबरा क्यों स्वीकार करें आपका हलफनामा, कोई मजाक या तमाशा नहीं चल रहा

    हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर मंगलवार को नया हलफनामा पेश करनें की कोशिश की। इसे स्वीकार करने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार पर सवाल खड़े किए अौर उसे जमकर फटकार लगाई।

    कोर्ट ने कहा, हम आपको दोबारा नहीं सुन सकते। हम आकड़ों को दुबारा क्यों मिलाएं। आपने पिछली बार 2013-14 का आंकड़ा फ़ाइल किया था और आज 2014- 15 का आंकड़ा फ़ाइल कर रहे हैं। ये इस मामले को लेकर आपकी गंभीरता को दिखाता है। हम आपके हलफ़नामे को क्यों स्वीकार करे। कोर्ट ने हलफ़नामे को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया।

    हरियाणा में नहीं पड़ता कभी अकाल, नहरें इसकी वजह

    बताया जाता है कि हलफनामे में हरियाणा की भाजपा सरकार ने राज्य में सूखा पड़ने को सिरे से खारिज किया है। सरकार का कहना है कि यहां की स्थिति अन्य प्रदेशों की तुलना में अलग है। यहां कभी अकाल नहीं पड़ता है।
    इसकी वजह यह है कि करीब 33 प्रतिशत सिंचाई नहरी तंत्र पर आधारित है, जबकि बाकी कृषि क्षेत्र में ट्यूबवेलों के माध्यम से सिंचाई करके फसलें बचा ली जाती हैं।

    सूत्रों के अनुसार, हलफनामे में कहा गया है कि हरियाणा की भौगोलिक परिस्थिति ही ऐसी है कि यहां की खरीफ की फसल केवल बारिश पर ही निर्भर नहीं करती है। राज्य में नहरों का जाल है अौर फसलों के लिए पर्याप्त पानी इससे मिल रहा है।