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    बेटी की सहेली से छेड़छाड़ करनेवाला पूर्व डीजीपी सुप्रीम कोर्ट में भी दोषी करार

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Fri, 23 Sep 2016 08:23 PM (IST)

    रुचिका गिरहाेत्रा यौन उत्‍पीड़न और खुदकुशी मामले मेंं सुप्रीम कोर्ट ने भी हरियाणा के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौर को दोषी ठहराया है। राठौर की बेटी की 14 साल की रुचिका सहेली थी।

    चंडीगढ़, [वेब डेस्क]। पंचकूला के रुचिका गिरहाेत्रा यौन उत्पीड़न और खुदकुशी मामले मेंं सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौर को दोषी ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ जिला अदालत द्वारा इस मामले में सुनाए गए फैसले काे सही करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने जिला अदालत द्वारा राठौर को सुनाए गए फैसले को बरकरार रखा है। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सुनाई गई डेढ़ साल कैद की सजा को घटा कर छह माह कर दिया। कोर्ट ने कहा कि राठाैर को अौर सजा काटने की जरूरत नहीं है। उन्होंने अब तक जाे सजा काटी है वह पर्याप्त है।

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    रुचिका मामले में हरियाणा के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौड़ दोषी करार, लेकिन सजा नहीं काटनी होगी

    14 साल की रुचिका राठौर की बेटी की सहेली और टेनिस की उभरती खिलाड़ी थी। राठौड़ को इस मामले में जिला अदालत द्वारा डेढ़ वर्ष कैद की सजा सुनाई गई थी। इस सजा पर हाई कोर्ट ने भी मुहर लगाई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस बहुचर्चित मामले में अपना फैसला सुनाया है और जिला अदालत के फैसले पर मुहर लगाई है। लेकिन उसने राठौर की सजा डेढ़ साल से घटाकर छह माह कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया।

    बता दें कि टेनिस खिलाड़ी और चंडीगढ़ के सीक्रेट हार्ट स्कूल की छात्रा रुचिका गिहरोत्रा से हरियाणा के तत्कालीन डीजीपी एसपनएस राठौर ने छेड़छाड़ की थी आैर उसका यौन उत्पीड़न किया था। रुचिका ने इससे तंग आकर खुदकुशी कर ली थी। यह घटना 1990 की है और काफी चर्चित रही थी। रुचिका को न्याय दिलाने के लिए उसकी एक सहेली ने यह केस लड़ा था।

    सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एमबी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने राठौर की 18 महीने की कैद की सजा को घटाकर जेल में बिताई गई अवधि तक सीमित कर दिया। शीर्ष अदालत ने 2010 में राठौर को जमानत दे दी थी लेकिन तब तक वह छह महीने जेल की सलाखों के पीछे गुजार चुका था। राठौर ने दोषी ठहराए जाने और सजा की अवधि को छह महीने से बढ़ाकर 18 महीने करने के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी । सत्र अदालत ने 25 मई, 2010 को सीबीआई और गिरहोत्रा परिवार की याचिका स्वीकार करते हुए राठौर की जेल की सजा की अवधि को छह महीने से बढ़ाकर 18 महीने कर दिया था।

    इससे पहले, एक सितंबर, 2010 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने राठौर की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने खुद को दोषी ठहराए जाने और सजा की अवधि बढ़ाने के फैसले को चुनौती दी थी। याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा था कि उन्होंने जो हरकत की है वह किसी भी आला अधिकारी के लिए 'शर्मनाक' है।

    राठौर की बेटी की सहेली थी रुचिका


    रुचिका गिहरोत्रा हरियाणा के तत्कालीन डीजीपी एसपीएस राठौर की बेटी की सहेली थी। उसका उनके घर भी अाना जाना था। 14 साल की रुचिका टेनिस की उभरती खिलाड़ी थी। आराेप है कि राठौर ने उसके साथ टेनिस कोर्ट पर छेड़छाड़ की थी। इसके बाद भी वह इससे बाज नहीं आए। आराेप है कि रुचिका ने इसका विरोध किया और इसकी शिकायत करने की धमकी दी तो उसका उत्पीड़न शुरू कर दिया अौर इससे तंग आकर उसने घटना के तीन साल बाद 28 दिसंबर, 1993 पंचकूला के सेक्टर छह में अपने घर पर आत्महत्या कर ली।

    सहेली और उसके पिता ने लड़ी रुचिका की लड़ाई

    अारोप है कि राठौर ने अपने रुतबे का इस्तेमाल कर मामले को दबा दिया। रुचिका के परिवार को भी प्रताडि़त किया गया। इसके बाद उसकी इंसाफ की लड़ाई उसकी सहेली अनुराधा और अनुराधा के पिता आनंद प्रकाश ने लड़ी। इसक बाद मामला काफी चर्चित हुआ और सीबीआइ ने इसकी जांच की। 2010 में सीबीअाइ ने इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दे दी गई थी, लेकिन इस मामले में शिकायतकर्ता आनंद प्रकाश ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।

    सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रुचिका की लड़ाई लड़ने वाले आनंद प्रकाश।

    याचिका में आनंद प्रकाश ने कहा था कि सीबीआई ने दबाव में आकर क्लोजर रिपोर्ट दायर तैयार की गई थी। इस रिपोर्ट में मुझे भी विश्वास में लिया जाना चाहिए था। लेकिन, इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसलिए, उन्होंने मामले में क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी थी। उनका विश्वास था कि राठौर इस मामले के दोषी हैं और आज यह बात साबित हो गई।