हुड्डा पर कसा शिकंजा, सीबीआइ ने हाथ में ली प्लॉट आवंटन की जांच
हरियाणा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ गई हैैं। पंचकूला के औद्योगिक प्लाट आवंटन मामले की जांच सीबीआइ ने संभाल ली है। हुड्डा पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के चेयरमैन के नाते इन प्लाटों का आवंटन के गलत आवंटन का आरोप है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ गई हैैं। मनोहर सरकार की सिफारिश पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने पंचकूला में औद्योगिक प्लाट आवंटन मामले की जांच संभाल ली है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के चेयरमैन के नाते पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा पर औद्योगिक प्लाटों का आवंटन गलत तरीके से करने के आरोप हैैं।
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने 19 दिसंबर को हुड्डा, पूर्व प्रशासक डीपीएस नागल, हुडा के पूर्व वित्त अधिकारी एससी कांसल और उप कार्यालय अधीक्षक बीबी तनेजा समेत सभी 13 प्लाट धारकों के विरुद्ध पंचकूला में एफआइआर दर्ज की थी। इस एफआइआर के बाद सरकार ने सीबीआइ जांच के लिए पत्र लिखा, जिसके आधार पर सीबीआइ मुख्यालय दिल्ली के दो अफसरों की टीम ने पंचकूला पहुंचकर तमाम दस्तावेज ले लिए हैैं।
दिल्ली मुख्यालय से आए दो अधिकारियों की टीम ने विजिलेंस से हासिल किए तमाम दस्तावेज
डीजीपी यशपाल सिंघल के पास ही विजिलेंस प्रमुख का कार्यभार है। सीबीआइ को सभी दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में दिए गए हैैं। जांच एजेंसी द्वारा जल्द ही इस मामले में एफआइआर दर्ज की जा सकती है, क्योंकि विजिलेंस द्वारा एफआइआर दर्ज करने की वजह से सीबीआइ को प्राथमिक जांच करने की जरूरत नहीं है। उसके पास सीधे एफआइआर दर्ज करने का विकल्प खुला है। विजिलेंस के डीएसपी सुरेश कुमार की शिकायत पर मुकदमा दर्ज हुआ था।
हुड्डा के विरुद्ध तीसरी सीबीआइ जांच
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के विरुद्ध मनोहर सरकार द्वारा कराई जा रही यह तीसरी सीबीआइ जांच होगी। इससे पहले गेहूं की करनाल बंट नामक बीमारी के उपचार के लिए रैक्सील नाम की दवाई की खरीद की सीबीआइ जांच कराई जा रही है। इसके अलावा
गुडग़ांव के मानेसर में करीब 400 एकड़ जमीन के जबरदस्ती अधिग्रहण के मामले में भी सीबीआइ जांच चल रही है।
इन धाराओं में दर्ज हुआ था मुकदमा
विजिलेंस पंचकूला थाने में दर्ज एफआइआर के मुताबिक सभी 17 लोगों पर 201, 204, 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी और 13 पीसी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यह सभी गबन, जालसाजी, अनियमितताएं और भ्रष्टाचार की धाराएं हैैं। जिन 13 प्लाट धारकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें कई हुड्डा के करीबी बताए जा रहे हैैं।
ये होंगे सीबीआइ जांच के आधार
-पूर्व सीएम हुड्डा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन हैैं। इसलिए वे लपेटे में आए हैैं।
-सीबीआइ के पास स्वतंत्र जांच की सिफारिश करने का मतलब है कि सीबीआइ द्वारा कोई प्राथमिक जांच नहीं होगी।
- विजिलेंस ब्यूरो की एफआइआर को ध्यान में रखते हुए सीबीआइ जांच को आगे बढ़ाएगी।
- विजिलेंस ब्यूरो और एडवोकेट जनरल बीआर महाजन के मुताबिक सभी प्लाट आवंटन गैरकानूनी थे और उम्मीदवारों को कानून से परे जाकर मदद दी गई थी।
इन्हें अलॉट हुए प्लाट
-पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के भतीजे राजेंद्र हुड्डा की पत्नी रेणु हुड्डा
-पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के तत्कालीन जज जस्टिस (रिटा.) एमएस भुल्लर की बहू मंजोत कौर
-पूर्व वरिष्ठ अतिरिक्त एडवोकेट जनरल नरेंद्र हुड्डा की पत्नी नंदिता हुड्डा
-हुड्डा के लिए स्पेशल ड्यूटी में तैनात रहे बीआर बेरी की पुत्रवधु मोना बेरी
- हुड्डा के पूर्व सचिव सिंह राम के बेटे प्रदीप कुमार
-इनके अलावा डागर कटियाल, मनजोत कौर, अशोक वर्मा, ओपी दहिया, वाईपीटी हाउस, अनुपम सूद, प्रदीप कुमार और एस कंवर प्रीत सिंह भी लाभ लेने वालों में शामिल हैं।
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'प्लाट आवंटन में कोई गड़बड़ी नहीं'
''पहले भी कह चुका कि प्लाट आवंटन में कोई गड़बड़ अथवा अनियमितता नहीं हुई है। यह सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। सरकार धान व गिरदावरी घोटाले में घिर चुकी। बिजली की समस्या का समाधान सरकार के पास नहीं है। सरकार ने कोई वादा पूरा नहीं किया। सवा साल में सरकार लोगों का भरोसा खो चुकी। ऐसी जांच दुर्भावना से प्रेरित हैै।
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व सीएम, हरियाणा।
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