जाट आंदोलन: एफआइआर की जांच सीबीआइ को सौंपने को चुनौती देने वाली याचिका रेफर
कैप्टन अभिमन्यु के घर को जलाने के मामले में दर्ज एफआइआर की जांच सीबीआइ को सौंपने संबंधी याचिका अन्य बेंच को रेफर कर दी गई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। जाट आरक्षण आंदोलन के चलते रोहतक में दर्ज तीन एफआइआर को सीबीआइ को सौंपने के हरियाणा सरकार के फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। रोहतक निवासी अश्विन ने याचिका दायर कर हरियाणा सरकार व केंद्र सरकार की उस अधिसूचना पर रोक की मांग की है जिसके तहत यह मामला सीबीआइ को जांच के लिए सौंपा गया है। सोमवार को जस्टिस राजेश बिंदल ने मामले पर सुनवाई करते हुए इस मामले को जस्टिस एसएस सरों की बेंच को रेफर कर दिया है। मामले पर अब कल मंगलवार को सुनवाई होगी।
बता दें, जस्टिस सरों मुरथल गैंग रेप व जाट अारक्षण संबंधी अन्य मामलों में सुनवाई कर रहे हैं। याचिका में कहा गया है कि इन मामलों में पहले की चालान पेश हों चुका है तो अब इस मामले को सीबीआइ को देने का क्या मतलब है। ज्ञात रहे कि हरियाणा सरकार ने रोहतक स्थित हरियाणा के वित्त मंत्री के घर को जलाने की दो एफआइआर व एक अन्य एफआइआर को जांच के लिए सीबीआइ को सौंपा हुआ है।
सीबीआइ ने भी केस ट्रांसफर की दी है अर्जी
इससे पहले सीबीआइ ने रोहतक जिला अदालत से इन तीनों केस को पंचकूला सीबीआइ कोर्ट में ट्रांसफर करने की एक याचिका दायर की हुई है। सीबीआइ के एसपी अमनदीप द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि स्थानीय पुलिस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज की थी, लेकिन बाद में यह मामला सितंबर में हरियाणा सरकार के आग्रह पर यह मामला सीबीआइ को सौंप दिया, जिसके बाद सीबीआइ ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। अब यह मामला रोहतक की जिला अदालत में चल रहा है। सीबीआइ ने हाई कोर्ट से मांग की कि यह मामला रोहतक से पंचकूला की सीबीआइ कोर्ट ट्रांसफर किया जाए।
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