हांसी में तीन लोगों की हत्या में लगे आरोपों से आहत डीएसपी ने खुद को गोली मारी, गंभीर
हांसी में तीन लोगों की हत्या के मामले में डीएसपी पर भी आरोप लग रहे हैं। इससे आहत डीएसपी ने खुद को गोली मारकर खुदकशी करने का प्रयास किया।
जेएनएन, पंचकूला। पुलिस लाइन मोगीनंद स्थित मैस में मंगलवार सुबह हरियाणा पुलिस के डीएसपी ने खुद को अपनी सर्विस रिवाल्वर से गोली मार ली। गोली की आवाज सुनते ही सभी कमरा नंबर 104 की ओर दौड़े, जहां पर डीएसपी भगवान रुके हुए थे। डीएसपी के सिर से खून निकल रहा था, जिसके बाद पुलिस कर्मचारियों ने डीएसपी को तुरंत सेक्टर 21 पंचकूला स्थित एलकेमिस्ट अस्पताल में भर्ती करवाया।
मैस के इंचार्ज सब इंसपेक्टर दयानंद ने मामले की सूचना चंडीमंदिर थाना प्रभारी एवं अन्य अधिकारियों को दी। जिसकेे बाद चंडीमंदिर थाना प्रभारी हरभजन ने मौके पर पहुंचकर कमरे की तलाश ली। सूत्रों के अनुसार डीएसपी ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है, लेकिन सुसाइड में क्या है, अभी उसका खुलासा थाना प्रभारी ने नहीं किया। फिलहाल डीएसपी भगवान दास एलकेमिस्ट अस्पताल में वैंटीलेटर हैं। डीएसपी भगवान दास मंगलवार को जीओ मैस में रुके थे। उन पर हिसार में कोई हत्या तिहरे हत्याकांड में आरोप लगे हैं। वह पुलिस हेडक्वाटर में तैनात थे।
बता दें, हिसार के हांसी कस्बे से दो किलोमीटर दूर गांव शेखपुरा में होली के दिन हथियारबंद युवकों द्वारा डीएसपी के सामने तीन लोगों पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनकी हत्या के मामले में डीएसपी भगवान दास पर भी आरोप लगे। मृतकों के परिजन हमलावरों में हिसार के डीएसपी हेडक्वार्टर भगवानदास को शामिल बताते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने डीएसपी का तबादला पंचकूला कर दिया था।
घटना का कारण दो साल पहले पंचायत चुनावों के कारण पैदा हुई रंजिश बताया जा रहा है। शेखपुरा गांव में सरपंच पद पर पिछले 10 सालों से बलबीर प्रधान का कब्जा था। पिछले पंचायत चुनाव में गांव के ही रहने वाले डीएसपी भगवान दास की बेटी पूजा सरपंच का चुनाव जीत गई। गांव के सुभाष गुज्जर ने पूजा का सपोर्ट किया था, जबकि कामरेड रामकुमार पूर्व सरपंच बलबीर प्रधान के साथ थे।
उसके बाद से बलबीर प्रधान व सुभाष गुज्जर गुट में रंजिश हो गई। होली के दिन सुबह के समय दोनों परिवारों के बच्चों के बीच कहासुनी हो गई। उस समय मामला शांत हो गया, लेकिन दोपहर को करीब ढाई बजे दोनों गुटों के बीच विवाद बढ़ गया। आरोप है कि सुभाष गुज्जर गुट के लोग भारी संख्या में राम कुमार के घर पहुंच गए। उस समय डीएसपी भगवान दास भी साथ थे।
सभी ने उनके घर पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें कामरेड रामकुमार की मौत हो गई। उसी दौरान बलबीर प्रधान के भतीजे बीएसएफ के हवलदार प्रदीप और मुकेश बीच बचाव के लिए पहुंचे तो हमलावरों ने उनकी भी गोली मारकर हत्या कर दी। गोलियों की आवाज सुनकर गांव के महेंद्र, मुकेश उर्फ पिन्नू व राजेश गली में पहुंचे तो सुभाष गुट के लोगों ने उन पर भी गोलियां चला दी जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद हमलावर हवाई फायर करते हुए भाग निकले।
घटना की जानकारी पाते ही एसपी राजेंद्र कुमार मीणा, हांसी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार, डीएसपी नरेंद्र कादयान पुलिस अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और घायलों को हिसार के निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां उन्हें देखने गांव ढाणीपाल से आ रहे एक रिश्तेदार दूनीचंद की सड़क हादसे में मौत हो गई। एसपी ने हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए आठ टीमों का गठन किया है। आठ लोगों को हिरासत में लिया गया है। गांव में तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई है। देर शाम पोस्टमार्टम हुआ तो यह बात भी सामने आई की गोलियां मारने के बाद शवों को घसीटा भी गया था।
एसपी ने की डीएसपी के गांव जाने की पुष्टि
पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि दोपहर डेढ़ से दो बजे के करीब डीएसपी भगवान दास हिसार थे। उसके बाद वह गांव गए, लेकिन झगड़े में उनका रोल है या नहीं, इसकी अभी जांच हो रही है। डीएसपी को पंचकूला पुलिस हेड क्वार्टर भेज दिया गया है।
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