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    जाट आंदोलन में दंगे के उपद्रवियों को किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे : मनोहर

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Wed, 01 Mar 2017 08:51 PM (IST)

    हरियाणा विधानसभा में आज मुख्‍यमंंत्री मनोहरलाल ने कहा कि जाट आंदोलन का हल नेता ही निकालेंगे। पिछले साल दंगे के लिए जिम्‍मेदार उपद्रवियों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।

    जाट आंदोलन में दंगे के उपद्रवियों को किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे : मनोहर

    जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने बुधवार को विधानसभा में स्‍पष्‍ट किया कि जाट आंदोलन का समाधान नेता ही करेंगे, अफसर नहीं। इसके लिए राज्‍य सरकार मंत्रियों की कमेटी बनाने को भी तैयार है। इसके साथ मुख्‍यमंत्री ने कहा कि पिछले साल जाट आंदोलन के दौरान हुए दंगों के लिए जिम्मेदार उपद्रवियों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।

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    अफसर नहीं नेता ही निकालेंगे जाट आंदोलन का हल

    वह जाट आंदोलन पर हरियाणा विधानसभा लाए गए काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान इस पर सरकार का नजरिया साफ किया। भारी विरोध और टोका-टाकी के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दो टूक कहा कि दंगे क‍े लिए जिम्‍मेदार किसी व्‍यक्‍ित को नहीं बख्‍शा जाएगा।

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    मुख्यमंत्री ने किसी भी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं होने का भरोसा दिया और कहा कि पुलिस द्वारा अगर कोई केस गलत दर्ज किया गया है तो उसे वापस ले लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कादमा और कंडेला कांडों का जिक्र करते हुए विपक्ष पर हमला साधा। उन्होंने कहा कि इस दोनों कांड के मुकदमे आज तक चल रहे हैं। प्रदेश में शांति के लिए वह मंत्रियों और विधायकों की कमेटी तक बनाने को तैयार हैैं, जो आंदोलनकारियों से बातचीत कर सकती है।

    हरियाणा विधानसभा में काम रोको प्रस्‍ताव पर जवाब देते हुएमुख्‍यमंत्री मनोहरलाल।

    विधानसभा में य‍ह काम राेको प्रस्‍ताव कांग्रेस के बेरी से विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रघुबीर कादियान, विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला और आजाद विधायक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी ने पेश किया था। कांग्रेस के 10 और इनेलो के सात विधायकों के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर हैैं। स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा आरंभ कराने से पहले न्यायपालिका की गरिमा का ध्यान रखने की सलाह विधायकों को दी।

    काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री को विपक्ष की खूब टोका-टाकी का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री द्वारा सरकार का नजरिया पेश करने के बाद विपक्ष उससे सहमत नहीं दिखा। सत्र की दूसरी सिटिंग के दौरान इनेलो व कांग्रेस विधायकों ने थोड़ी देर के लिए यह कहते हुए वाकआउट कर दिया कि सरकार की नीयत साफ नहीं है और गोलमोल बात कर रही है।

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    बहस के दौरान पिछले साल फरवरी में हुए दंगों और सीबीआइ द्वारा दर्ज मुकदमों के लिए सत्ता पक्ष व विपक्ष ने एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार हमेशा बातचीत के लिए तैयार रही और आज भी तैयार है। मुख्य सचिव डीएस ढेसी की अध्यक्षता में अधिकारियों की पांच सदस्यीय कमेटी जाट आंदोलनकारियों की मांग पर ही बनाई गई थी।

    कांग्रेस और इनेलो भी खड़े करें अपने वकील

     मुख्यमंत्री ने कहा कि इनेलो व कांग्रेस विधायक चाहें तो आंदोलन को खत्म कराने के लिए विधानसभा की कमेटी भी बनाई जा सकती है। उन्होंने न्यायालय में आरक्षण की पैरवी के लिए कांग्रेस और इनेलो नेताओं की ओर अपनी-अपनी पार्टियों की तरफ से भी एक-एक मजबूत वकील खड़ा करने का पासा फेंका।

    पहले कांट्रेक्ट वाली नौकरी फिर पक्की करेंगे

    मनोहर लाल ने कहा कि वे मंत्रियों की कमेटी भी बनाने को तैयार हैैं, लेकिन बातचीत कानून संगत होनी चाहिए। जेलों में बंद निर्दोष लोगों को रिहा करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नौकरी के लिए सरकार ने खुलेमन से आवेदन करने को कहा था। 25 लोगों के आश्रितों ने आवेदन किया, लेकिन सात ने ही ज्वाइन किया। 18 ने नौकरी नहीं ली। सरकार कांट्रेक्ट आधार पर नौकरी दे रही है। नियमित नौकरी की प्रक्रिया होती है। भविष्य में उसके हिसाब से कदम उठाए जाएंगे।

    हाईकोर्ट का फैसला आते ही नौवीं सूची में आरक्षण

    मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण को नौवीं सूची में शामिल किए जाने की मांग पर सरकार पहले दिन से सहमत है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से आरक्षण पर फैसला होते ही केंद्र सरकार को आरक्षण को नौंवीं सूची में शामिल करने के लिए लिखा जाएगा।

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