Haryana Budget 2021: लौटेगा दूध-दही वाला हरियाणा, NCR के लिए स्थापित होगा दुग्ध संयंत्र, 3 लाख लीटर होगी पैकिंग क्षमता
बजट में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनकी इस भावना को सम्मान देते हुए बजट में राहत और सौगात का पिटारा खोल दिया है। पशुधन से संबंधित परियोजनाओं से वंचित रखे गए दक्षिण हरियाणा को दो दुग्ध संयंत्रों का तोहफा मुख्यमंत्री ने दिया है।
चंडीगढ़ [पंकज आत्रेय]। हरियाणा का किसान पशु को धन की संंज्ञा देता है। बजट में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनकी इस भावना को सम्मान देते हुए बजट में राहत और सौगात का पिटारा खोल दिया है। मकसद है कि दूध-दही के खाने वाले हरियाणा का गौरव बढ़ाया जाए। इसके लिए उन्हाेंने पशुओं की सेहत और सुरक्षा की गारंटी देने की घोषणा की है। अभी तक की सरकारों में पशुधन से संबंधित परियोजनाओं से वंचित रखे गए दक्षिण हरियाणा को दो दुग्ध संयंत्रों का तोहफा मुख्यमंत्री ने दिया है।
बजट में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा घोषित दो दुग्ध संयंत्रों में से एक एनसीआर को कवर करेगा। इसकी पैकिंग क्षमता तीन लाख लीटर प्रतिदिन की होगी। इसे पांच लाख लीटर तक बढ़ाया जा सकेगा। दूसरा लघु दुग्ध संयंत्र जिला भिवानी के गांव शेरला में स्थापित किया जाएगा। गाय और भैंसों की तर्ज पर भिवानी के ही लोहारू में बकरी प्रजनन केंद्र खोला जाएगा। प्रदेश में बेसहारा गायों के संवर्धन के लिए गऊ संवर्धन योजना शुरु करने की घोषणा की गई है, जिसके लिए वित्त वर्ष 2021-22 में 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
हरियाणा में दुधारू पशुधन देश की संख्या का 2.5 प्रतिशत है। इसके बावजूद हरियाणा 117.34 लाख टन का दूध का योगदान देता है, जो देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 5.56 प्रतिशत है। राज्य में दूध की उपलब्धता 1142 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन है, जो कि राष्ट्रीय औसत के 394 ग्राम के मुकाबले कहीं अधिक है। पंजाब के बाद हरियाणा इसमें दूसरे स्थान पर है।
70 लाख पशुओं का करेंगे बीमा
हरियाणा में 70 लाख पशुधन हैं। मुख्यमंत्री ने इनके लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना का विस्तार करके पशुओं का बीमा कर सुरक्षा गारंटी देने की घोषणा की हे। इस योजना का पात्र होने के लिए अनिवार्य रूप से पशुओं के कान पर 12 अंकों का आइडी वाला टैग लगवाना होगा। पशुधन और पोल्ट्री रोग डायग्नोस्टिक सेवाओं के लिए हिसार, सोनीपत और पंचकूला में तीन बायो सेफ्टी लेवल-2 प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी।
बाड़े में ही होगा पशुओं को इलाज
गांवों में पशुपालकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती बीमारी की स्थिति में अपने पशुओं के इलाज को लेकर होती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनकी इस पीड़ा को समझा और खंड स्तर पर 142 माेबाइल पशु चिकित्सा वैन शुरू करने की घोषणा की। साथ ही सभी 1020 पशु अस्पतालों को कंप्यूटरीकरण किया जाएगा।
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