जाट आंदोलन : कड़ी सुरक्षा के बीच डटे जाट, 15 से आंदोलन तेज करने का अल्टीमेटम
हरियाणा में जाटों ने फिर आंदोलन शुरू हो गया है। लेकिन, इस बार सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। जाट आंदोलनकारी प्रशासन द्वारा तय स्थानों पर धरना दे रहे हैं। अभी तक कहीं से कोई शांति भंग की सूचना नहीं है और रेल व सड़क यातायात सामान्य है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा आरक्षण पर अंतरिम रोक लगाए जाने के बाद जाटों ने रविवार को फिर आंदोलन शुरू कर दिया। आंदोलनकारी प्रशासन द्वारा तय जगहों पर ही धरना दे रहे हैं। इसके लिए पंडाल लगाए गए हैं। रोहतक, कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र सहित सभी जगहों पर धरना शांतिपूर्ण चल रहा है। रेल और सड़क यातायात सामान्य है। शहरों व धरनास्थलों के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैैं। पूरे राज्य में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। मुख्यमंत्री सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी पूरी स्थिति पर निगाह रखे हुए हैं।
जाट संगठनों का ऐलान : 15 जून तक मांगें नहीं मानी तो आंदोलन तेज होगा
दूसरी ओर, जाट संगठनों ने कहा है कि 15 जून तक मांगे पूरी नही हुई तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। जाट नेताओं ने धरने के दौरान कहा कि 15 जून तक आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा, लेकिन इसके बाद इसका विस्तार होगा। जींद में झांझ खुर्द में धरने में जाट नेता व अखिल भारतीय जाट संघर्ष समिति के जिला प्रधान कैप्टन भूपेंद्र ने कहा कि 15 जून तक शांतिपूर्वक धरना देंगे। इस दौरान राहत न मिलने पर आंदोलन तेज किया जाएगा।
फोटो गैलरी : हरियाणा में फिर डटे जाट आंदोलनकारी, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पूरे राज्य खासकर पिछली बार हिंसा के शिकार रहे आठ जिलों में सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं। पूरे राज्य में पुलिस के अलावा अर्द्ध सैनिक बलाें की 55 कंपनियांं तैनात की गई हैं। अब तक कहीं से कोई शोति भंग या अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। रोहतक व सोनीपत सहित कई जगहों पर मोबाइल इंटरनेट और साेशल मीडिया पर रोक लगा दिया गया है। ब्लक एसएमएस भेजने पर भी रोक है।
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जिलों में जाटों के आंदोलन के लिए प्रशासन द्वारा जगह तय किए गए हैं। जींद, कैथल, रोहतक, हिसार, भिवानी, झज्जर, सोनीपत सहित विभिन्न स्थानों पर आंदोलनकारियों के धरना देने के लिए टेंट लगाए गए हैं। इस धरनास्थलाें पर सुबह 10 बजे से ही आंदोलनकारी जुटने लगे थे।

हिसार में तैनात अर्द्ध सैनिक बल के जवान।
रेल और सड़क यातायात सामान्य
धरनास्थलों पर हुक्का आदि का भी प्रबंध किया गया है। धरनास्थल के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैंं। अर्द्ध सैनिक बलों के जवानों ने सुबह से भी मोर्चा संभाल लिया। हिसार, जींद, भिवानी, रोहतक सहित सभी संवेदनशील जिलों में प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। अभी तक सड़क व रेल यातायात सामान्य है और प्रशासन ने इसकी पुख्ता व्यवस्था की है कि आंदोलनकारी हिंसा और उपद्रव न करें और सड़क व रेल यातायात प्रभावित न हो।

जींद में धरने पर बैठे जाट आंदोलनकारी।
कैथल में सुबह धरना शुरू नहीं हुआ था, लेकिन बाद में जाट नेताओं और जिला प्रसाशन के बीच बनी सहमति के बाद शहर के 22 किलोमीटर दूर गांव किछाणा कुई में धरने के लिए जगह तय किया गया। यहां जाट नेताओं ने करीब12 बजे से धरना देना शुरू किया। शहर व आसपास के इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। जिले में जन जीवन पूरी तरह सामान्य है।
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करनाल के बल्ला गांव में जाट आंदोलनकारी धरना दे रहे हैं। जिले में कहीं से शांति भंग या अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। जींद में भी झांझ खुर्द गांव में धरनास्थल पर अांदेालनकारी जुटे हैं। संबह यहां अधिक भीड़ नहीं थी, लेकिन बाद में लोग यहां धीरे धीरे पहुंचे। यहां धरनास्थल पर पुलिस नहीं दिखी, वैसे जींद शहर में प्रशासन अलर्ट है और पुलिस व अर्द्ध सैनिक बलों के जवान तैनात हैं। कुरुक्षेत्र के जैनपुर जाटान में जाट अांदोलनकारी धरना दे रहे हैं।
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गृह सचिव रामनिवास के अनुसार, राज्य में धरना प्रदर्शन के लिए पहले से स्थान निर्धारित किए जा चुके थे । इनके अलावा यदि किसी दूसरे स्थान पर धरना प्रदर्शन किया गया तो कार्रवाई की जाएगी और सख्ती से निपटा जाएगा। ऐसे किसी भी स्थान पर किसी नेता या व्यक्ति के कारण यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो इस अप्रिय घटना के लिए वह व्यक्ति या नेता व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होगा।

झज्जर में धरनास्थल के पास अर्द्ध सैनिक बल के जवान।
रामनिवास ने कहा कि कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के समर्थन में सरकार को पंचायतों व खाप पंचायतों से समर्थन मिला है और युवाओं को जागरूक किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग व रेलवे के आसपास के एक-एक किलोमीटर में धारा 144 लागू रहेगी। झज्जर, सोनीपत, रोहतक, पानीपत, हिसार, फतेहाबाद, जींद, कैथल में धारा 144 लगाई गई है।
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एक मिनट भी नहीं रुकने देंगे सड़कें और रेल ट्रैक : एडीजीपी
प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) मोहम्मद अकील ने कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर राज्य सरकार सतर्क है। उन्होंने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग या कोई भी सडक तथा रेलवे लाइन को एक मिनट के लिए भी रुकने नहीं दिया जाएगा।
एडीजीपी ने कहा कि अगर आंदोलनकारी बिना इजाजत के कोई धरना प्रदर्शन करते हैं तो मौके पर उपस्थित अधिकारियों द्वारा उन्हें समझाया जाएगा और यदि वे फिर भी नहीं मानें तो उस स्थिति में उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।
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शांतिपूर्ण तरीके से चलेगा जाट आंदोलन : यशपाल मलिक
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने दावा किया है कि इस बार का धरना-प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्वक रहेगा और अनिश्चितकाल तक चलेगा। मलिक ने कहा कि हमें अपनी मांगें पूरी होने से मतलब है। हम शांति के पक्षधर हैं। हमारा आंदोलन तब तक चलता रहेगा, जब तक सरकार हमारी सभी मांग नहीं मान लेती।
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शांति और सद्भावना सबसे पहले : मुख्यमंत्री
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि सरकार समस्या के समाधान की इच्छुक है और आंदोलन के लिए अदालत में दमदार पैरवी का भरोसा दिला चुकी है। इसके बावजूद आंदोलन का कोई औचित्य नहीं है। प्रदेश की शांति और सद्भावना सबसे पहले होना चाहिए। कानून हाथ में लेने की किसी को इजाजत नहीं मिलेगी।
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बाधित रहेंगी इंटरनेट सेवाएं
जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर सरकार की पैनी निगाह है। अफवाहों और गलत संदेश पर रोक के लिए राज्य सरकार ने इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का निर्णय लिया है। फिलहाल, रोहतक व सोनीपत में इंटरनेट सेवाएं बंद की गई हैं, रविवार शाम को स्थिति का आंकलन करने के बाद अन्य जिलों में भी इंटरनेट सेवाएं बंद की जा सकती हैं। सरकार की सख्ती का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि झज्जर के कालियावास गांव के एक युवक सुमित को भड़काऊ पोस्ट करने पर गिरफ्तार कर लिया गया। इसके पहले हिसार में भी भड़काऊ पोस्ट करने पर एक के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया जा चुका है।
बल्क मैसेज भेजने पर भी रोक
मोबाइल फोन से बल्क मैसेज भेजने की सुविधा पर भी रोक लगा दी गई है। अब यह सुविधा तब तक नहीं मिल सकेगी, जब तक प्रदेश सरकार इसे फिर से शुरू करने के आदेश नहीं जारी करेगी।
रोहतक के जसिया गांव में शुरू हुआ धरना
रोहतक में भी जाट आरक्षण आंदोलन एक बार फिर से शुरू हो गया है। रोहतक के जसिया गांव में हवन-यज्ञ के साथ धरना शुरू हुआ है। आसपास के गांवों से जाट धरनास्थल पर जुट रहे हैं। उधर, जिला प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद है और जिला के अलग-अलग क्षेत्रों में तैनात किए ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में फोर्स के साथ मिलकर फ्लैग मार्च निकाले जा रहे हैं।
धरनास्थल के आसपास अर्धसैनिक बल और हरियाणा पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाल रखा है। सोशल मीडिया के माध्यम से आंदोलन जोर न पकड़ सके, इसलिए प्रशासन द्वारा इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है। लोगों में आंदोलन को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है, हर कोई आंदोलन को लेकर अपडेट ले रहा है।
रोहतक- पानीपत हाईवे के किनारे जसिया गांव के समीप खेत में आधा एकड़ से अधिक जमीन पर टेंट लगाकर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले जाटों ने धरना शुरू कर दिया है। धरना शुरू करने से पहले हवन-यज्ञ किया गया और इसके बाद जाट धरने पर बैठ गए। आसपास के गांवों से भी लोगों का धरनास्थल पर जुट रहे हैं।
जिला उपायुक्त अतुल कुमार, एसपी शशांक आनंद के नेतृत्व में घरनास्थल के समीप से फ्लैग मार्च निकाला गया। इसके बाद रोहतक मंडल के आयुक्त आइएएस चंद्रप्रकाश भी धरनास्थल पर जायजा लेने पहुंचे और कुछ देर बाद वापस लौट गए।
युवाओं की संख्या अधिक, शांति भंग की आशंका
जसिया में धरनास्थल पर युवाओं की संख्या अच्छी खासी है। सूत्रों की मानें तो युवा शांतिपूर्ण ढंग से धरना देने के पक्ष में नहीं है। लेकिन धरने के आयोजक और वहां मौजूद बुजुर्ग पूरी तरह से नियंत्रण रखे हुए हैं ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी न होने पाए। युवाओं को भी समय-समय पर समझाया जा रहा है कि शांति से ही आंदोलन चलाना है ताकि सरकार व प्रशासन कोई बहाना बनाकर कार्रवाई न कर सके।

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