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    जागरण फोरम : रामबिलास बोले- हटानी होगी दर्पण पर जमी धूल

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Thu, 11 Aug 2016 06:09 PM (IST)

    हरियाणा के शिक्षा मंत्री प्रो, रामविलास जागरण फोरम में रिश्वतखोरी रोकने, भ्रष्टाचार आदि मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे।

    जागरण फोरम से पूर्व हरियाणा के शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि वह कुछ मुद्दों को प्रमुखता से उठाएंगे। आइए जानते हैं क्या उठाएंगे वह प्रमुख मुद्दे उन्हीं की जुनान में:

    मैं एक सवाल के साथ अपनी बात शुरू करना चाहता हूं? क्या आप किसी ऐसे दर्पण में अपना चेहरा देख सकते हैं जिस पर धूल जम गई हो? नहीं न। दर्पण कितना भी मोटा और मजबूत हो, लेकिन धूल की हल्की सी परत भी उसे अनुपयोगी बना देती है। यही स्थिति प्रशासनिक व्यवस्था है। लोकतंत्र में लोक प्रशासन ही सिस्टम की धुरी है, परंतु जब इस सिस्टम पर भ्रष्टाचार रूपी धूल जम जाती है तब पूरी प्रशासनिक मशीनरी को भी जंग लग जाता है।

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    प्रशासन में पारदर्शिता की बात करें तो आज सबसे बड़ी चुनौती दर्पण रूपी लोकतंत्र की तमाम संस्थाओं पर जमी भ्रष्टाचार रूपी धूल है। हमें इस धूल को हटाना होगा। धूल हटाने का काम केवल किसी एक संस्थान, कार्यपालिका या विधायिका के लिए नहीं करना है, बल्कि सभी विभागों व संस्थाओं में करना होगा। इसके लिए कुछ उपाय तो वर्तमान सिस्टम में भी मौजूद हैं, लेकिन असल सवाल दृढ़ इच्छा शक्ति का है। वास्तविकता यह है कि देश में साठ साल राज करने वालों की बदौलत पारदर्शिता में कमी आई है। मैं एक छोटा सा उदाहरण देता हूं। अब अध्यापकों के तबादले की बात ही लीजिए। हमने सिफारिश संस्कृति खत्म करने के लिए नई तबादला नीति तैयार की। कंप्यूटर को अधिकार दे दिए। इससे न केवल भ्रष्टाचार कम होगा बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ेगी। जागरण फोरम के मंच पर विस्तार से अपनी बात करूंगा।

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    प्रो. शर्मा की नजर में पारदर्शी शासन के समक्ष प्रमुख चुनौतियां
    -अयोग्य लोगों की भर्ती रोकना।
    -रिश्वतखोरी पर अंकुश लगाना।
    -भ्रष्ट राजनीतिज्ञों के दबाव से पीडि़त बड़े नौकरशाहों को अभयदान देना।
    -अशिक्षा का अंधेरा दूर करके लोगों को अधिकारों के प्रति जागरूक करन।
    -प्रशासनिक सुधार आयोग जैसे संगठनों के उपयोगी सुझावों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना।
    -सूचना के अधिकार को सहज व आम लोगों की पहुंच तक लाना।
    -अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करना।