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    IAS अशोक खेमका को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से बड़ी राहत, डिवीजन बेंच ने प्रतिकूल टिप्पणी पर रोक लगाई

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Tue, 20 Apr 2021 05:05 PM (IST)

    हरियाणा के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। प्रतिकूल टिप्पणी मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने एकल बेंच द्वारा की गई प्रतिकूल टिप्पणी पर रोक लगा दी है।

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    पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट व अशोक खेमका की फाइल फोटो।

    जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आइएएस अफसर अशोक खेमका को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने एकल बेंच द्वारा उनके खिलाफ की गई प्रतिकूल टिप्पणी पर रोक लगा दी है। शूटर खिलाड़ी विश्वजीत सिंह के मामले में हाई कोर्ट की एकल बेंच द्वारा की गई प्रतिकूल टिप्पणी को अशोक खेमका ने डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी। 

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    विश्वजीत सिंह का पिछले साल खेल कोटे से एचसीएस (हरियाणा सिविल सर्विस) में चयन हुआ था, लेकिन आइएएस अशोक खेमका ने विश्वजीत के स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट पर सवाल उठाए थे। इसके बाद सरकार ने विश्वजीत के नियुक्ति पत्र पर रोक लगा दी थी। सरकार के इस कदम को विश्‍वजीत ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। 29 जनवरी को हाई कोर्ट की एकल बेंच ने विश्‍वजीत को नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश देते हुए खेमका पर प्रतिकूल टिप्पणी की थी।

    इससे पहले हाई कोर्ट के जस्टिस अजय तिवारी पर आधारित डिविजन बेंच ने अपील पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को 20 अप्रैल के लिए नाेटिस जारी कर जवाब तलब किया था। हाई कोर्ट ने यह भी पूछा था कि क्यों न वह एकल बैंच द्वारा की गई टिप्पणी पर रोक लगा दे। अपनी अपील में खेमका ने कहा कि सिंगल बेंच की तल्ख टिप्पणी पूरी तरह से निराधार व प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है।

    29 जनवरी, 2021 के अपने आदेश में हाई कोर्ट के जस्टिस राजबीर सिंह सेहरावत ने विश्वजीत मामले में खेमका के खिलाफ कुछ अपमानजनक टिप्पणी की थी, विश्वजीत सिंह मामले में खेमका को बिना प्रतिवादी बनाए व उनका पक्ष जाने बगैर उनके प्रति नकारात्मक व अपमानजनक टिप्पणी की थी।

    ये है मामला

    जस्टिस सेहरावत ने शूटर विश्वजीत सिंह को खेल कोटा के तहत राज्य सिविल सेवा में नियुक्त का आदेश दिया था। विश्वजीत ने एचसीएस अधिकारी के रूप में शामिल करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, क्योंकि खेमका ने विश्वजीत को जारी किए गए खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट पर सवाल उठाया था। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सिंगल बेंच ने खेमका के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कहा था कि खेमका द्वारा खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट पर उठाए गए सवाल खेल गतिविधि के बारे में उनकी अज्ञानता दिखाता है। इन सभी शिकायतों का कारण शिकायतकर्ता और याचिकाकर्ता के पिता के बीच कैडर प्रतिद्वंद्विता है।

    सिंगल बेंच ने यह भी कहा था अशोक खेमका ने इस तरह रणनीति का इस्तेमाल विभाग के कनिष्ठ अधिकारी को घेरे में लाने के लिए किया होगा। खेमका ने अपनी दलील में कहा है इस तरह की और अन्य टिप्पणी भी उसके खिलाफ की गई है, जो कानूनन सही नहीं है, इस लिए उन सभी टिप्पणी को वापस लिया जाना चाहिए।

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