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    कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हरियाणा आयुष विभाग ने बनाया Immunity Booster

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Tue, 20 Apr 2021 12:09 PM (IST)

    Immunity Booster हरियाणा आयुष विभाग ने कोरोना से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दवाएं तैयार की हैं। यह दवाएं आयुष केंद्र पर उपलब्ध हैं। विभाग ने औषधि के अलावा सात घरेलू नुस्खे भी बताए हैं।

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    हरियाणा आयुष विभाग ने तैयार किया इम्यूनिटी बूस्टर। सांकेतिक फोटो

    जेएनएन, नई दिल्ली। Immunity Booster: हरियाणा आयुष विभाग भी कोरोना संक्रमण से बचाव को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की औषधियां अपने केंद्रों पर उपलब्ध करा रहा है। आयुष डाक्टरों का मानना है कि कोरोना संक्रमित होने के पहले आयुर्वेद में अनेक ऐसी दवा हैं जो हर तरह के संक्रमण से व्यक्ति को दूर रखती हैं। इसके अलावा कुछ घरेलू नुस्खे भी हैं जिनसे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

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    हालांंकि गत वर्ष कोरोना काल में आयुष विभाग द्वारा तैयार किया गया काढ़ा काफी कारगर हुआ था, मगर बाद में इसका अधिक सेवन करने वाले बीमार भी हो गए थे। इसलिए इस बार आयुष विभाग सहित आयुर्वेद से जुड़े वरिष्ठ डाक्टर आयुष औषधियों का इस्तेमाल करने से पहले कई सावधानी बरतने की सलाह भी दे रहे हैं।

    ये हैं घरेलूू नुस्खे

    • पूरे दिन केवल हल्का गर्म पानी ही पीएं
    • अणु तेल को नाक में दिन में दो ही बार डालें
    • 30 मिनट का योग, प्राणायाम अवश्य करें। शरी में प्राण वायु अधिक होने से मन सकारात्मक होता है।
    • च्यवनप्राश का सेवन एक चम्मच ही करें। मधुमेह के रोगी शुगर फ्री च्यवनप्राश खाएं
    • सब्जी बनाते समय हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन का इस्तेमाल करें
    • तुलसी, दाल चीनी, सूखी अदरक, मुनक्का से बनी हर्बल चाय लें, इसे दिन में एक या दो बार से ज्यादा न लें
    • हल्दीयुक्त दूध दिन में दो बार आधा चम्मच हल्दी डालकर पीएं

    (नोट: एक दिन में एक व्यक्ति सात में से तीन से ज्यादा घरेलू नुस्खे न अपनाए)

    डॉक्टर के परामर्श से ही लें दवा

    जीवा आयुर्वेदिक संस्थान के डॉ. प्रताप चौहान का कहना है कि आयुर्वेद में अनेक ऐसी दवा हैं जो कोरोना संक्रमण से बचाव करती हैं मगर गत वर्ष के अनुभवों को देखते हुए हम इस निर्णय पर पहुंचे हैं कि आयुर्वेद दवा भी लोग बिना अनुभवी डाक्टरों के परामर्श के न लें। इसके अलावा कई बार किसी व्यक्ति के शरीर की तासीर ठंडी और किसी के शरीर की तासीर गर्म होती है। ऐसे में परामर्श भी व्यक्ति से व्यक्ति तक ही निर्भर होता है।

    उदाहरण के तौर पर अणु तेल नाक में डालने से अंदर तक के कीटाणुओं का सफाया करता है मगर कई बार लोग इसे दिन में चार-पांच बार नाक में डाल लेते हैं। इससे बचना चाहिए। ऐसे ही गत वर्ष आयुष काढ़ा को लेकर भ्रांतियां फैल गई थीं। तब लोगों ने दिन में चार से पांच बार काढ़ा पी लिया। इससे उनके शरीर में अतिरिक्त गर्मी बन गई, इसलिए बिना परामर्श के कोई दवा का इस्तेमाल नहीं करे।

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