Technology का इस्तेमाल, Digital india में दिखी हरियाणा के डिजिटल गांव की झलक
लॉकडाउन के कारण गुरुग्राम में देश की पहली डिजिटल ग्रामसभा हुई। नयागांव ग्राम सभा की कार्यवाही आनलाइन रिकार्ड की गई और रजिस्टर में भी दर्ज की गई।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में लॉकडाउन के दौरान पहली बार वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये ग्राम सभा की बैठक में डिजिटल हरियाणा की झलक दिखाई दी। अमूमन ऐसा गांवों में नहीं होता। शहरों में डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल आम बात है, लेकिन गुरुग्राम जिले के सोहना ब्लाक के नयागांव की ग्राम सभा ने डिजिटल मोड में बैठक कर अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।
सेल्फी विद डाटर फाउंडेशन के प्रयासों से इसकी शुरुआत हुई है। हरियाणा के पंचायत एवं विकास विभाग के मंत्री दुष्यंत चौटाला ने डिजिटल मोड के जरिये हुई ग्राम सभा की बैठक की सराहना की है। जींद जिले के बीबीपुर मॉडल पर आयोजित इस ग्राम सभा में जहां पंचायत सदस्यों ने अपने-अपने वार्ड की समस्याएं रखी, वहीं सरपंच सुरज्ञान की मौजूदगी में बकायदा प्रस्ताव पारित किए गए। ग्राम सचिव गंगा राम ने अपने कार्यालय में बैठ कर ग्राम सभा की कार्यवाही को रजिस्टर में दर्ज किया।
समूची ग्राम पंचायत के सदस्य जहां अपने-अपने घरों से जूम एप के माध्यम से जुड़े, वहीं काफी ग्रामीण भी अपने-अपने घरों से डिजिटल माध्यम से इस सभा के गवाह बने। सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के अध्यक्ष सुनील जागलान ने बताया कि सामाजिक दृष्टि से उत्थान के लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन द्वारा हरियाणा के सौ गांवों को गोद लिया गया है। इन गांवों में बीबीपुर मॉडल को लागू करने के लिए पिछले कई वर्षों से काम हो रहा है।
सरपंच सुरज्ञान सिंह की अध्यक्षता में हुई ग्राम सभा में वार्ड सदस्य शिशिर कुमार ने कच्ची गलियों को पक्का करने का मुद्दा उठाया। वार्ड नंबर पांच के सदस्य विनय दुबे ने राशन कार्ड नहीं बनने और पानी निकासी नहीं होने की समस्या रखी। कई सदस्यों ने श्मशान घाट, गलियों के लेबल से ऊपर मकान बनाने का विरोध तथा स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था के मुद्दे उठाए। पंचायत एवं विकास विभाग के पूर्व उपनिदेशक आरके मेहता ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में इस तरह से ग्राम सभाओं का आयोजन क्रांतिकारी कदम है। गौतम बनर्जी, प्रमोद कुमार सिंह, अजय गुप्ता और वीरेंद्र ने भी समस्याएं रखी।
क्या है जींद जिले का बीबीपुर मॉडल
जींद जिले का गांव बीबीपुर देश का पहला ऐसा गांव है जहां बेटियों को समाज में मान-सम्मान दिलाने की दिशा में कई सफल प्रयोग हुए। पूर्व सरपंच सुनील जागलान ने यहां महिला पंचायत का आयोजन किया। घरों के आगे बेटियों के नाम की तख्ती लगाने की परंपरा शुरू की। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन से जुड़े सुनील अब उनके द्वारा गोद लिए गए गुरुग्राम के पांच गावों की देखरेख कर रहे हैैं। इसके बाद प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन ने गुरुग्राम तथा मेवात जिले के 100 गावों को गोद लिया।