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हरियाणा के MLA कुंडू व छौक्कर के यहां छापों से खुला अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम में हो रहा घोटाला

रीयल इस्टेट कंस्ट्रक्शन व हाउसिंग प्रोजेक्ट करने वाली हरियाणा के दो बड़े छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज साक्ष्यों के आधार पर आयकर विभाग इस नतीजे पर पहुंचा है कि अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट तैयार कर रहे सभी कंपनियों की जांच होनी चाहिए।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 07:37 PM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 07:37 PM (IST)
हरियाणा के MLA कुंडू व छौक्कर के यहां छापों से खुला अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम में हो रहा घोटाला
विधायक धर्म सिंह छौक्कर व बलराज कुंडू की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। रीयल इस्टेट कंपनियां अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम में भी खूब हेराफेरी कर रही हैं। बिल्डर अफोर्डेबल हाउसिंग (किफायती आवासीय) स्कीम में सस्ते फ्लैट की अपने कर्मचारियों व रिश्तेदारों के नाम बुकिंग कर चेक लेकर बाद में जरूरतमंद को छह से आठ लाख रुपये प्रति फ्लैट प्रीमियम राशि पर बेच देते हैं। रीयल इस्टेट, कंस्ट्रक्शन व हाउसिंग प्रोजेक्ट करने वाली हरियाणा की दो ग्रुप आफ कंपनियों में छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज साक्ष्यों के आधार पर आयकर विभाग इस नतीजे पर पहुंचा है कि अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट तैयार कर रहे सभी कंपनियों की जांच होनी चाहिए।

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गुरुग्राम और दिल्ली में अफोर्डेबल हाउसिंग के प्रोजेक्ट कर रहे कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छौक्कर की कंपनियों में कर्मचारियों व रिश्तेदारों के नाम पर फ्लैट बुकिंग के तीन माह पुराने चेक मिले हैं जो बैंक में लगाए ही नहीं गए। फिर इन फ्लैट को रद करके बिल्डर जरूरतमंदों से प्रीमियम के बहाने कमाई करते हैं। इस स्कीम के तहत केंद्र की मोदी सरकार ने 2025 तक सभी को आवासीय सुविधा देने के लक्ष्य के तहत अफोर्डेबल हाउसिंग की योजनाओं में अनेक तरह छूट भी दी हुई हैं।

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छूट के कारण जहां दो बेडरूम का फ्लैट ए श्रेणी के शहर में करीब 40 लाख रुपये में मिलता है, वहीं अफोर्डेबल स्कीम में दो बेडरूम का फ्लैट 21 लाख रुपये तक में उपलब्ध हो जाता है। इस कारण रीयल इस्टेट की काफी कंपनियां अब अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के तहत ही प्रोजेक्ट कर रही हैं। धर्म सिंह छौक्कर सहित आयकर विभाग ने रोड कंस्ट्रेक्शन कंपनी के मालिक व निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू की कंपनियों में भी छापेमारी में पाया है कि बिल्डर कंपनियां निर्माण सामग्रियों का फर्जी बिल भी लेती हैं।

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अफोर्डेबल हाउसिंग में मिलने वाली छूट

  • सामान्य हाउसिंग में फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) 175 जबकि अफोर्डेबल में 225 (50 फीसद अतिरिक्त) फीसद
  • सामान्य हाउसिंग के मुकाबले कमर्शीयल का 7.5 फीसद अतिरिक्त निर्माण की अनुमति
  • सामान्य में बाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) फीस चार करोड़ जबकि अफोर्डेबल में एक करोड़ रुपये प्रति एकड़
  • सामान्य में लाइसेंस फीस 40 लाख रुपये प्रति एकड़ तक जबकि अफोर्डेबल में यह फीस नहीं है।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2.67 लाख रुपये तक के ऋण के ब्याज में छूट
  • आयकर में भी कई स्तर पर छूट

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छौक्कर के बेटों से पूछताछ में जुटी आयकर टीम

विधायक धर्म सिंह छौक्कर के संस्थानों पर छापेमारी के दौरान मिली अहम डायरी आयकर विभाग के लिए कई अन्य टैक्स चोरों तक पहुंचने का आधार बनेगी। आयकर विभाग गुरुग्राम की अन्वेषण शाखा की यह छापेमारी बुधवार सुबह 6.30 बजे एक साथ 12 स्थानों पर शुरू हुई थी और अब शनिवार दोपहर खत्म हो गई। छापेमारी में मिली विधायक धर्म सिंह छौक्कर के बेटे सिकंदर की डायरी को आयकर विभाग काफी अहम इसलिए मान रहा है कि इसमें करीब 100 करोड़ रुपये के नकद लेन-देन का ब्योरा है। डायरी के आधार पर आयकर विभाग अगले कुछ दिनों तक नकद प्राप्त करने वाले और नकद देने वालों पर भी फोकस कर सकता है। अन्वेषण शाखा के अधिकारियों के समक्ष सिकंदर ने यह भी स्वीकार कर लिया है कि डायरी उनके परिसर से ही मिली है।

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महम (रोहतक) से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू के बाद छौक्कर के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान निर्माण सामग्री लोहा, सीमेंट और बजरी के फर्जी बिल मिले हैं। आयकर विभाग की तरफ से जारी प्रेस बयान में माना गया है कि छौक्कर के ठिकानों से मिले दस्तावेज करीब 100 करोड़ रुपये के संदिग्ध बिलों की एंट्री के साक्ष्य दे रहे हैं। ऐसे में इन एंट्री की एवज में हुए नकदी के लेन-देन को लेकर भी आयकर विभाग हैरान है। आयकर विभाग के अधिकारियों के अनुसार विभाग प्रत्येक छापेमारी के बाद समीक्षा में सभी विषयों का आकलन करता है। यह छापेमारी विभाग के लिए कई मुद्दों को लेकर अनुसंधान का विषय रहेगी।


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