छात्रों को गुजरना पड़ रहा फिसलन भरी सीढ़ी से
कुरुक्षेत्र, जागरण संवाद केंद्र : कुवि में नए तैयार हुए जवाहरलाल नेहरू पुस्तकालय के भवन का नक्शा अब विद्यार्थियों के जी का जंजाल बन गया है। एक तो विद्यार्थियों को मुख्य पुस्तकालय भवन में पुस्तक लेने जाने के लिए सीढि़यों से दो बार चढ़ना और उतरना पड़ रहा है, दूसरा अंदर जाने वाले रास्ते पर बनी सीढि़यां इतनी फिसलन भरी हैं कि उनपर विद्यार्थी फिसल कर गिर जाते हैं। विकलांग विद्यार्थियों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। बुधवार को दोनों भवनों को जोड़ दिया गया।
कुवि प्रशासन ने लगभग ढ़ाई करोड़ की लागत से विद्यार्थियों को पुस्तकालय के भवन की नई सौगात तो दे दी, लेकिन अब इसमें अंदर जाने का रास्ता विद्यार्थियों को तंग कर रहा है। इस भवन का रास्ता इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि पुस्तकालय में जाने के लिए सबसे पहले सीढि़यों से ही सामना होता है और सीढि़यों से सीधे प्रथम तल पर जाना पड़ता है। जिसके बाद नए भवन को पार कर पुराने भवन में नीचे जाने के लिए फिर से सीढि़यां उतरना पड़ता है। ऐसे में अगर किसी विद्यार्थी को पुराने भवन के हॉल में जाकर पढ़ना हो तो पुस्तकें लेना आसान है नहीं तो पहले वह पूराने भवन में से पुस्तक लेकर आएगा और फिर पुस्तक को रखने जाएगा। जिसमें उसे दो बार सीढि़यों से उतरना चढ़ना होगा। इसके अलावा नए भवन के प्रथम तल पर बैठकर पढ़ने वाले विद्यार्थियों को हजारों विद्यार्थियों के आने-जाने के कारण एकाग्रता भंग हो जाती है।
पहले दिन विकलांगों को होना पड़ा शिकार : बुधवार को दोनों भवनों को जोड़ने के कारण सीढि़यों से आने-जाने में सबसे ज्यादा विकलांगों को दिक्कत हुई। सीढि़यों के फिसलन भरा होने के कारण पहले ही दिन कई विकलांग विद्यार्थी सीढि़यों पर गिर गए। विद्यार्थियों ने इसकी शिकायत पुस्तकालयाध्यक्ष से भी की।
विकलांगों के लिए खुलेगा पुराना द्वार : पुस्तकालय अध्यक्ष आरडी मैहला ने बताया कि पहले दिन विद्यार्थियों को दिक्कत हुई। उन्होंने बताया कि पुराने द्वार को पूरी तरह से बंद नहीं किया गया है। वहां कर्मचारी को बिठाया गया है यहां से कोई भी विकलांग छात्र पुस्तकालय में अंदर आ सकता है। विकलांग छात्र के आते ही कर्मचारी द्वारा दरवाजे को खोला जाएगा बाहर जाने के लिए यही रास्ता प्रयोग किया जा सकता है।
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