पोली हाउस तकनीक से शिमला मिर्च से लाखों कमाएं किसान
संवाद सहयोगी, घरौंडा : पोली हाउस में शिमला मिर्च की खेती से किसान लाखों रुपये कमा सकते हैं। किसान शि
संवाद सहयोगी, घरौंडा : पोली हाउस में शिमला मिर्च की खेती से किसान लाखों रुपये कमा सकते हैं। किसान शिमला मिर्च में एक रग नहीं बल्कि छह रगों की शिमला मिर्च पैदा कर अच्छा लाभ और उत्पादन ले सकते है। रगीन शिमला मिर्चो की बाजार में कीमत 100 से 250 रुपये प्रति किलो तक पहुच जाती है। शिमला मिर्च की खेती पर कम खर्च कर किसान कई गुणा लाभ कमा सकता है।
सब्जी उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना से प्रदेश के किसानों में पोली हाउस में की जाने वाली संरक्षित खेती के प्रति जागरूकता आई है। पोली हाउस में की जाने वाली शिमला मिर्च की संरक्षित खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा है। शिमला मिर्च की खेती में किसान विभिन्न रगों की शिमला मिर्च ईजाद कर सकता है। जिनकी मार्केट वेल्यू अलग-अलग होती है। अगस्त-सितंबर माह में पोली हाउस में की जाने वाली इस खेती में प्रति एकड़ 12 हजार शिमला मिर्च के पौधे लगाए जा सकते हैं और प्रत्येक पौधा छह से सात किलो तक फसल देता और किसान यह फसल नौ महीनों तक ले सकता है। जबकि खुले में कम उत्पादन के साथ मात्र हरे रग की शिमला मिर्च ही उत्पादित होती है और वह भी केवल तीन महीने के लिए। अगर किसान पोली हाउस में खेती करता है तो छह रगों जैसे लाल, पीली, ओरेंज, चॉकलेट, वायलेट और ग्रीन शिमला मिर्च पैदा कर सकता है। जिनसे अच्छा उत्पादन और लाभ किसान को मिलता है। यदि बात की जाए लाल व पीली शिमला मिर्च की तो इसका रेट पिछले वर्ष 250 रुपये प्रति किलो तक पहुच गया था और इस समय इसका रेट लगभग 200 रुपये प्रति किलो पर चला हुआ है। जबकि हरी शिमला मिर्च का दाम 40 रुपये प्रति किलो से ज्यादा होते। जाता।
पोली हाउस में अगर किसान 600 क्विंटल भी पैदावार लेता है तो किसान की आमदनी करीब छह लाख तक हो जाती है। इतना ही नही पोली हाउस में होने वाली खेती में न के बराबर पेस्टीसाइड दवाइयों का प्रयोग होता है और ड्रीप लाइन से 60 प्रतिशत तक पानी बचता है।
बागवानी विभाग के उप निदेशक डॉ. सत्येंद्र यादव का कहना है कि पोली हाउस में संरक्षित खेती करने में न तो किसान को ज्यादा खर्चा आता है और उत्पादन भी अधिक होता है। पोली हाउस में शिमला मिर्च लगाने के लिए किसान का 10 से 20 हजार का ही खर्च आता है। किसान खुले में खेती करता है तो उसे करीब 30 हजार रुपये ही बचते है अगर पोली हाउस में करता है तो उसे पांच से छह लाख तक की आमदनी होती है। यह किसान के लिए आमदनी का एक अच्छा माध्यम है। यदि किसान बाजार में लाल मिर्च लेकर जा रहा है तो उसे ध्यान रखना होगा कि वह पीली मिर्च भी उतनी ही लेकर जाए। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि शिमला मिर्च की सबसे ज्यादा माग दिल्ली और चंडीगढ के होटलों में होती है यहा इनका प्रयोग सलाद के रूप में किया जाता है।