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भ्रूणहत्या के खिलाफ की आवाज बुलंद

जागरण संवाददाता, जींद : अब महिला अबला नहीं, बल्कि सबला बन चुकी है और अपने हकों की आवाज बुलंद कर रही

By Edited By: Published: Wed, 07 Jan 2015 05:40 PM (IST)Updated: Wed, 07 Jan 2015 05:40 PM (IST)
भ्रूणहत्या के खिलाफ  की आवाज बुलंद

जागरण संवाददाता, जींद : अब महिला अबला नहीं, बल्कि सबला बन चुकी है और अपने हकों की आवाज बुलंद कर रही है। ऐसा सब कर दिखाया है बीबीपुर गांव की रीतू जागलान ने। रीतू जागलान के प्रयासों से बीबीपुर गांव में महिला ग्राम सभाएं आयोजित की गई और महिलाओं को इसमें बोलने का मौका मिला। गांव में खर्च होने वाली विकास राशि को महिलाओं के ऊपर खर्च किए जाने को लेकर भी उन्होंने पहल कराई।

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भ्रूणहत्या के खिलाफ बीबीपुर गांव में सर्वखाप महापंचायत करने के बाद रितू पहली बार चर्चा में आई थी। उन्होंने न केवल महिलाओं को भ्रूणहत्या के खिलाफ तैयार किया, बल्कि खाप महापंचायत में नाटकों, कविताओं के जरिये भ्रूणहत्या के खिलाफ महिलाओं की आवाज भी बुलंद की।

गांव में देश की पहली महिला ग्राम सभा का आयोजन कर गांव में महिला ग्राम सभा में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया। इसके बाद से ही गांव की महिलाएं सामूहिक रूप से अपनी समस्याओं पर चर्चा के साथ सामाजिक बुराइयों में महिलाओं की भूमिका व महिलाओं का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए तत्पर रहती है।

रीतू की बदौलत गांव में महिला चबूतरा तैयार किया गया, जहां महिलाएं बैठकर महिलाओं के अधिकार, उन पर हो रहे अत्याचारों आदि विषयों पर गहन मंथन करती हैं। यही नहीं गांव की महिलाओं ने खाप पंचायतों के इतिहास की जानकारी के लिए महिला खाप पाठशाला में भी हिस्सा लिया।

2012 में पहली महिला ग्राम सभा

बीबीपुर गांव में 18 जून 2012 को पहली महिला ग्राम सभा का आयोजन किया गया था। उसके बाद 14 जुलाई 2010 को भ्रूणहत्या के खिलाफ उतर कर भारत के खाप चौधरियों के साथ महिलाएं भी पहली बार मंच पर एकजुट हुई थी। भ्रूणहत्या के खिलाफ पहली बार महिलाओं ने लादन पाना चौपाल से आवाज को बुलंद किया था।

200 महिलाएं बैठकर कर सकती है विचार-विमर्श

बीबीपुर गांव में महिलाओं के लिए चबूतरा बनाया गया है। इसमें 200 महिलाएं बैठकर विचार-विमर्श कर सकती है। यह चबूतरा सुविधाओं से लैस है। इसमें लाइटों की व्यवस्था की गई है। यह सब रीतू के आइडिये की वजह से ही संभव हो पाया है।

गांव में बनी महिला लाइब्रेरी

रीतू के आइडिया की वजह से ही गांव में महिला लाइब्रेरी का निर्माण किया गया। इसके चलते अब गांव की महिलाएं, लड़कियां इस लाइब्रेरी का फायदा उठाकर देश-विदेश की जानकारी हासिल कर रही हैं। इसमें अंग्र्रेजी, ¨हदी सहित 700 से अधिक किताबें रखी गई हैं।

सेमिनारों में भी लेती हैं भाग

ऑनर कि¨लग, भ्रूणहत्या को लेकर विभिन्न यूनिवर्सिटी या अन्य जगहों पर होने वाले सेमिनारों में रीतू जागलान भाग लेती हैं। लड़कियों व महिलाओं को जागरूक करती हैं। उनका मानना है कि जब तक महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं होंगी, तब तक वह आगे नहीं बढ़ सकती।

प्रस्तुति : ललित कुमार


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