हरियाणा के गांव की महिलाओं ने नकल रोकने का उठाया बीड़ा, परीक्षा केंद्र पर देती हैं पहरा
हरियाणा के बेरी क्षेत्र के गांव भागलपुरी में महिलाओं ने परीक्षा में नकल रोक कर एक मिसाल पेश की है। वे परीक्षा के दौरान स्कूल के बाहर पहरा देती हैं, ताकि कोई नकल न करा सके
जेएनएन, झज्जर। हरियाणा सहित कई राज्यों में स्कूली विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षाएं हो रही हैं। इन परीक्षाओं में जमकर नकल चल रही है। हरियाणा में स्कूल शिक्षा परीक्षा बोर्ड की परीक्षा में नकल के मामले सामने आ रहे हैं। इस सबके बीच झज्जर जिले के बेरी के भागलपुरी गांव की महिलाओं ने नकल राेकने का बीड़ा उठाया है। वे गांव की स्कूल के बाहर परीक्षा के दौरान पहरा देती हैं। भागलपुरी गांव में नारी शक्ति सेवा समिति की इन 11 महिलाओं ने पूरे राज्य के लिए एक मिसाल पेश की है।
राज्य में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 7 मार्च से 10 वीं और 12 वीं की परीक्षाएं चल रही हैं। प्रशासन और बोर्ड परीक्षाओं में नकल राेकने में विफल हो रहा है। राज्य मं अब तक नकल के करीब 4500 मामले पकड़े गए हैं। ऐसे में बेरी के गांव भागलपुरा की महिलाओं ने बेमिसाल जज्बा दिखाया है।
झज्जर जिले के बेरी क्षेत्र के गांव भागलपुरी में परीक्षा के दौरान स्कूल के बाहर पहरा देतीं महिलाएं।
गांव की नारी शक्ति सेवा समिति की इन 11 महिलाओं ने यहां के राजकीय स्कूल में चल रही परीक्षाओं को नकल रहित करने का बीड़ा उठाया है। यही कारण है कि अब तक इस केंद्र पर नकल का बस एक ही मामला सामने आया है। यह महिलाएं परीक्षा के दौरान स्कूल भवन के बाहर पहरा देती हैं। पूरी परीक्षा के दौरान वे स्कूल परिसर में गश्त करती रहती हैं। इस दौरान नकल कराने के लिए वहां फटकने की हिम्मत नहीं होती। वे कक्षा के बाहर से भी परीक्षा दे रहे विद्यार्थियों पर नजर रखती हैं कि कोई नकल तो नहीं कर रहा।
भागलपुरी गांव के राजकीय स्कूल में परीक्षा देते विद्यार्थी।
ये महिलाएं परीक्षा के दौरान स्कूल के हर कक्षा की खिड़कियों पर नजर रखती हैं। परीक्षा की दोनो शिफ्टों में ये मुस्तैदी से तैनात रहती हैं। इसके लिए उनको न तो कोई पारिश्रमिक मिलता है और न ही कोई सुविधा। उनका उद्देश्य अपने गांव में परीक्षा को नकल मुक्त कराना है।
इन महिलाआें का कहना है कि हम नहीं चाहतीं कि उनके बच्चे नकल से पास करें। हम चाहते हैं कि गलत राह चुनने की जगह बच्चे मेहनत और अपनी योग्यता के बल पर आगे बढ़ें। उन्हें अच्छी शिक्षा मिले यही हमारा उद्देश्य है और ह तभी पूरा होगा जब परीक्षाएं बिना नकल की होंगी। उनका कहना है कि अगर बच्चे नकल करके पास होंगे तो उसकी नींव कमजोर होगी और वह आने वाले समय में जीवन की प्रतिस्पर्धा में टिक नहीं पाएंगे। लिहाजा हम सभी ने ठाना कि नकल नहीं होने देंगे।
परीक्षा के दौरान बच्चों पर नजर रखतीं नारी शक्ति सेवा समिति की टीम की महिलाएं।
महिलाएं परीक्षा शुरू होने के दिन 7 मार्च से स्कूल में पहरा दे रही हैैं। विद्यार्थी भी इससे बेहद खुश हैं। गांव के लोग भी इन महिलाअों के कदम से पूरी तरह सहमत है और उन्हें समर्थन देने के साथ उत्साह बढा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पूरे राज्य में लोग इस तरह का संकल्प लें तो राज्य से नकल का कलंक हमेशा के लिए मिट जाएगा। जिले के अधिकारियों को इस बारे में पता चला तो उन्होंने भी इन महिलाओं के कदम की सराहना की।
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