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    जाच हो गई पूरी, भट्ठे पर हो रही थी बंधुआ मजदूरी

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    Updated: Wed, 17 Jun 2015 05:15 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : गाव बुपनिया के ईट-भट्ठे पर बंधुआ मजदूरी कराए जाने की शिकायत की जाच मंगल

    जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : गाव बुपनिया के ईट-भट्ठे पर बंधुआ मजदूरी कराए जाने की शिकायत की जाच मंगलवार को पूरी हो गई। भट्ठे पर मजदूरों का कोई भी रिकॉर्ड अपडेट नहीं किया गया था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने अपनी जाच में इसे बंधुआ मजदूरी ही माना है। आयोग व प्रशासन की ओर से जाच रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और इसे उपायुक्त को भेजा जाएगा। जाच रिपोर्ट के आधार पर भट्ठा संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तय मानी जा रही है। भट्ठा संचालक पर पुलिस में एफआइआर तक दर्ज हो सकती है। उधर, मौके पर मिली खामियों को देखते हुए आयोग के आदेश पर श्रम विभाग ने भी भट्ठा मालिक को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। मजदूरों से संबंधित मस्टर रोल और वेज का रिकॉर्ड अपडेट न रखने के मामले में यह नोटिस जारी किया गया है। नोटिस के माध्यम से भट्ठा मालिक को इस विषय में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए गए है।

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    एसडीएम कार्यालय में दिनभर चली जाच : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम से डीएसपी राजबीर सिंह, जाच अधिकारी मुकेश कुमार, एसडीएम अमरदीप जैन व श्रम अधिकारी वीपी हुड्डा ने मंगलवार को दिनभर एसडीएम कार्यालय में इस मामले की जाच की। मजदूरों के बयान से लेकर अन्य कागजों की पूरी गहनता से जाच की गई। शाम को जाच पूरी हो पाई। मौके के निरीक्षण के दौरान मजदूरों से संबंधित कोई भी रिकार्ड न होने की वजह से आयोग की टीम ने इसे बंधुआ मजदूरी करार दिया है।

    आखिर कहा गए 133 मजदूर

    दरअसल, एनजीओ व उपमंडल प्रशासन की ओर से की गई जाच के दौरान भट्ठे पर 133 मजदूर काम पर पाए गए थे। मात्र चार-पाच दिन के अंदर ही सभी मजदूर गायब हो गए। ये मजदूर कहा से लाए गए थे और कहा उन्हे भेजा गया है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। हालाकि ये सभी मजदूर यूपी से बताए गए हैं। आयोग की टीम भी इन मजदूरों के बारे में मंगलवार को भी पूछताछ करती रही।

    लाइसेंस किसी और चला रहा था : मुंशीराम

    जाच में यह भी सामने आया है कि ईट भट्ठा चलाने के लिए शिव भट्ठा के नाम से किसी और के नाम से लाइसेंस जारी किया गया था। मगर मौके पर निरीक्षण के दौरान मिले मुंशीराम ने अपने आप को भट्ठा संचालक बताया था। इसके अलावा जाच के दौरान भारी संख्या में और भी खामिया मिली है, जिन पर प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाएगी।

    न वेज बोर्ड, न मिला मस्टर रोल :

    शिव भट्ठा कंपनी की ओर से मजदूरों को दिए जाने वाली पेमेंट का कोई रिकार्ड नहीं रखा गया था। न तो भट्ठे पर वेज बोर्ड और न ही मस्टर रोल का रिकार्ड पाया गया। उधर, मजदूरों के हित को देखते हुए भी भट्ठे पर सुविधाओं की घोर कमी थी।

    यह है पूरा मामला :

    दरअसल, दिल्ली के एक एनजीओ की टीम द्वारा गाव बुपनिया के शिव भट्ठा का निरीक्षण कुछ दिनों पहले किया गया था। मजदूरों से बातचीत में पता चला था कि भट्ठा मालिक की ओर से बंधुआ मजदूरी कराई जा रही है। एनजीओ की शिकायत पर सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने छापामार कार्रवाई की थी। कार्रवाई के दौरान सभी मजदूर नहीं मिले। टीम को बस करीब 10 मजदूर ही मिले जो जलाई का काम करते है। टीम ने इन सभी मजदूरों के बयान दर्ज किए थे और जाच शुरू कर दी थी।

    अभी नहीं मिली जाच रिपोर्ट : पाराशर

    राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के ज्वाइट रजिस्ट्रार एके पाराशर का कहना है कि जाच रिपोर्ट अभी मुझे नहीं मिली है। रिपोर्ट आगामी कार्रवाई करने के लिए स्थानीय प्रशासन को भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जाच रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी।

    उपायुक्त को भेजी जाएगी रिपोर्ट : जैन

    एसडीएम अमरदीप जैन का कहना है कि जाच पूरी कर ली गई है। भट्ठे पर मजदूर तो नहीं मिले लेकिन मजदूरों का रिकार्ड भी पूरा नहीं मिला। रिकार्ड न होने के कारण मामला बंधुआ मजदूरी का ही सामने आया है। रिपोर्ट उपायुक्त को भेजी जाएगी। इसके बाद ही भट्ठा संचालक पर कार्रवाई होगी।