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    हरियाणा मेें बर्ड फ्लू की आहट, हिसार में चार और बतखों की मौत

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Wed, 02 Nov 2016 11:24 AM (IST)

    हरियाणा में भी बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ गया है। हिसार की लू बर्ड झील में चार आैर बतखों के मरने से हड़कंप मच गया है। इससे पहले मरे पाए गए बतखों क नमूने जांच के लिए भेजे गए थे।

    जेएनएन, हिसार। हरियाणा में भ्ी बर्ड फ्लू का खतरा है। हिसार के ब्लू बर्ड झील में बतखों के मरने का सिलसिला जारी है। झील में चार और बतख मरी मिली हैं। बर्ड फ्लू की आशंका के कारण वैज्ञानिकों की झील और आसपास के क्षेत्र में जांच कर रही है। पर्यटकों को झील से दूर रखा गया। डॉक्टरों ने झील से लोगों को दूर रखने को कहा है। लोगों से पशुअों को भी दूर रखने को कहा गया है। बंदरों को भी झील के आसपास आने से राेकने के उपाय किए गए हैं।

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    इससे पहले भी ब्लू बर्ड झील में कई बतखें की मौत हो गई थी आैर इससे सनसनी फैल गई थी। पहले मृत बतखों के सेंपल जांच के लिए जालंधर की रीजनल डिजिज डायग्नोस्टि लैब में भेजे गए थे। ये सैंपल प्राथमिक जांच के बाद भोपाल की सेंट्रल लैब में भेज दिए गए। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही बतखों की मौत के कारणों का पता चलेगा। बताया जाता है कि आज शाम तक यह रिपोर्ट आ सकती है।

    हिसार की ब्लू बर्ड झील।

    जालंधर से भोपाल भेजे गए सैंपल, रिपोर्ट आने के बाद चलेगा मौत के कारणों का पता

    जालंधर स्थित रीजनल डिजिज डायग्नोस्टिक लैब नॉर्थ जोन के प्रभारी ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. विनय मोहन ने बताया कि बतखों के तीन सैंपल उनके पास जांच के लिए आए थे। प्राथमिक जांच करने के बाद उन्हें जांच के लिए भोपाल स्थित लैब में भेज दिया गया है। प्राथमिक जांच में कुछ नहीं मिला है।

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    चेतावनी का लगाया बोर्ड

    ब्लू बर्ड झील मेंसभी बाहरी व्यक्तियों के आने जाने पर रोक लगा दी है। इसकी चेतावनी देने के लिए विशेष रूप से बोर्ड लगाए गए है। झील पर पर्यटन विभाग का कर्मचारी भी डॉक्टरों की इजाजत के बगैर नहीं जा सकता।

    झील पर जाने के लिए मंगवाई 50 किट

    पशुपालन विभाग, वेटनरी सर्जन सहित अनेक विभागों के अधिकारियों की पूरा दिन झील पर रहने की ड्यूटी लगा दी गई है। झील पर जाने के लिए टीम के लिए 50 किट मंगवाई गई है। इस किट को डालने के बाद ही वह अंदर जा सकेंगे। यही नहीं किट उतारने के बाद उसे तुरंत जला दिया जाता है।

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    बतख निकालने के लिए नहीं है किश्ती

    ब्लू बर्ड झील में किश्ती नहीं होने के कारण मरी हुई बतखों को निकालने में काफी परेशानी हो रही है। डॉक्टरों की टीम उनके किनारे पर आने का इंतजार करती है और बाद में उनको निकालती है। ब्लू बर्ड झील में बतख के मरने और झील को पर्यटकों के लिए बंद करने के बाद चंडीगढ़ से उच्च अधिकारी समय समय पर रिपोर्ट ले रहे है।

    पानी को भी जांच के लिए भेजा

    झील में जो पानी मौजूद है उसका भी वैज्ञानिकों की तरफ से सैंपल लिया गया है। सैंपल को जांच के लिए जालंधर साथ भेजा गया था। इसका मुख्य कारण पानी में किसी प्रकार बैकटिरिया या अन्य जहरीला पदार्थ होने की संभावना की जांच करवाना है।

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